अंतिम संस्कार की फर्जी रसीद लगा हासिल कर लिया मृत्यु प्रमाण पत्र

देहरादून(आरएनएस)। जीवित रहने के दौरान एक व्यक्ति ने अपने पिता का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनावा लिया। असल में उनकी मौत इसके कई महीने बाद हुई। चार भाइयों ने पांचवें के खिलाफ मामला उठाया तो शहर कोतवाली पुलिस ने एक भाई और बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मियांवाला निवासी चार भाई सज्जन सिंह, सुंदरलाल, इंद्रलाल और राधेश्याम ने एसएसपी कार्यालय में शिकायत दी। कहा कि उनके पिताजी स्व. रामसहाय का निधन तीन दिसंबर 1988 को मियांवाला में हुआ था। उनका अंतिम संस्कार चार दिसंबर 1988 को हरिद्वार श्मशान घाट पर किया गया था। आरोप है कि उनके अन्य भाई जगनलाल और उसके पुत्र मनमोहन ने फर्जीवाड़े से 19 जून 1988 को शिवाजी सेवा समिति श्मशान विभाग, लक्खीबाग से पिता के अंतिम संस्कार की फर्जी रसीद तैयार करवा ली। इसके माध्यम से उन्होंने अपने पिताजी को उनके जीवनकाल में ही मृत घोषित करवा दिया। आरोप है कि फर्जी रसीद का उपयोग कर जगनलाल और मनमोहन ने दो फरवरी 2013 को ग्राम पंचायत चक तुनवाला से एक एक प्रमाण पत्र बनवा लिया। इसके आधार पर नगर निगम से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र भी ले लिया। आरोप है कि इसका उद्देश्य पिता की ओर से सात सितंबर 1988 को पंजीकृत कराई वसीयत को खारिज कराना था। शिकायत में कहा कि समस्या उठाने पर नगर निगम के मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अविनाश खन्ना ने 15 अक्तूबर 2024 को उक्त फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया। नगर निगम के आदेश के बाद कोतवाली पुलिस ने जगनलाल और उसके बेटे मनमोहन निवासी अपर तुनवाला, रायपुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। शहर कोतवाल सीबीएस अधिकारी ने बताया कि पुलिस साक्ष्यों के आधार पर मामले की जांच कर रही है।

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