सफारी का लुत्फ उठाने के लिए अभी लंबा करना पड़ सकता है इंतजार

देहरादून। कार्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कालागढ़ टाइगर रिजर्व फारेस्ट वन प्रभाग की पाखरो रेंज में निर्माणाधीन टाइगर सफारी का भले ही लोकार्पण कर दिया गया हो। लेकिन, सफारी का लुत्फ उठाने के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। दरअसल, टाइगर सफारी में अभी तक बाड़ा निर्माण सहित कई अन्य कार्य अधूरे पड़े हैं।

बताते चलें कि वर्ष 2017 में पाखरो क्षेत्र में पहुंचे तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने पाखरो क्षेत्र में टाइगर सफारी का प्रस्ताव बनाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए। प्रस्ताव राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी नहीं दिखाई। वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मैन वर्सेज वाइल्ड के मेजबान बेयर ग्रिल्स के साथ कार्बेट टाइगर रिजर्व पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पार्क क्षेत्र में टाइगर सफारी बनाने का विचार रखा, जिसके बाद वन महकमे ने पुन: पूर्व में भेजे गए प्रस्ताव को केंद्र में भेज दिया।
केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) व राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी। कालागढ़ टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के लिए 106.16 हेक्टेयर भूमि का चयन कर दिया। इस सफारी में बाघ के लिए दो अलग-अलग बाड़े बनाने के साथ ही इस क्षेत्र के चारों ओर चारदीवारी व इलेक्ट्रिक फेंसिंग लगाई जानी है। इस परिक्षेत्र से बाहर पशु चिकित्सक व अन्य कार्मिकों के आवास व कार्यालय बनाए जाएंगे।

यह है वर्तमान स्थिति
11 दिसंबर 2020 को त्‍तकालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत  ने टाइगर सफारी का शिलान्यास किया। जिसके बाद टाइगर सफारी क्षेत्र में निर्माण कार्य शुरू हो गए और टाइगर सफारी आकार लेने गए। बीते वर्ष टाइगर सफारी के नाम पर पार्क क्षेत्र के भीतर अवैध निर्माण व अवैध कटान का मामला प्रकाश में आया तो निर्माण कार्यों की गति पर ब्रेक लग गए। हालांकि, टाइगर सफारी का निर्माण कार्य अधूरा होने के बावजूद वन और पर्यावरण मंत्री ने सफारी का लोकार्पण कर दिया। प्रभागीय वनाधिकारी प्रकाश चंद्र आर्य ने बताया कि टाइगर सफारी में एक बाड़े का निर्माण पूर्ण हो गया है। लेकिन, बाड़े के भीतर कुछ कार्य किए जाने बाकी हैं। दूसरे बाड़े सहित अन्य निर्माण कार्य भी जारी हैं।