नेहरू के समय कब्जाई जमीन पर मॉडल गांव बना रहा चीन, जयशंकर का बड़ा दावा

नई दिल्ली(आरएनएस)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को दावा किया कि चीन उस जमीन पर मॉडल गांव बना रहा है जो उसने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के कार्यकाल के दौरान कब्जाई थी। समाचार एजेंसी के साथ इंटरव्यू में विदेश मंत्री ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर चीनी आक्रमण के कारण देश की जमीन खोने का आरोप लगाया।
विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि चीन अरुणाचल प्रदेश के पास मॉडल गांव बना रहा है और पूर्वी लद्दाख में भी जमीन छीन रहा है। इन आरोपों के जवाब में जयशंकर ने कहा कि जिस क्षेत्र में गांव बनाया जा रहा है, उस पर 1950 के दशक के अंत में चीन ने कब्जा कर लिया था। तब नेहरू प्रधानमंत्री थे।
एस जयशंकर ने एचटी के आर सुकुमार और शिशिर गुप्ता को बताया, “क्या चीनी ये मॉडल गांव बना रहे हैं? हां बना रहे हैं। जो गांव विवाद का विषय बना वह लोंगजू नाम की जगह पर है। अगर आप भारतीय संसद के रिकॉर्ड देखें या चीन के साथ हमारी सीमा समस्या पर कोई किताब पढ़ें तो पता चलता है कि चीन ने 1959 में लोंगजू पर कब्जा कर लिया था। तब उनके साथ इस पर चर्चा हुई थी। 1962 में चीनी वापस आए। इस बार उन्होंने इसे पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया। 1959 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संसद में कहा, ‘मुझे खेद है लेकिन यह मेरे हाथ से निकल गया है।'”
जयशंकर ने कहा, “दूसरा उदाहरण जो उन्होंने (विपक्ष ने) दिया वह एक पुल का था। एक पुल है जो पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे पर बनाया जा रहा है। आप उस पुल के कॉर्डिनेट्स देख सकते हैं। यह खुरनाक (खुरनाक किला) नामक स्थान के करीब है। चीनी 1958 में खुरनाक किले पर आए और पैंगोंग त्सो के उस विशेष हिस्से पर, उन्होंने 1962 के युद्ध में अवैध रूप से कब्जा कर लिया था।” शक्सगाम घाटी में चीनियों द्वारा बनाई जा रही एक सड़क को लेकर सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह नेहरू ही थे जिन्होंने इस क्षेत्र को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का हिस्सा बनने की अनुमति दी थी। इस सड़क के बारे में कहा जाता है कि यह संभावित रूप से सियाचिन में भारत की स्थिति को खतरे में डाल सकती है।
जयशंकर ने कहा, “हाल ही में (विपक्षी) प्रवक्ता ने कहा कि मोदी के अंडर, हम अब सियाचिन को भी जोखिम में डाल रहे हैं क्योंकि शक्सगाम घाटी से एक सड़क बनाई गई है जिसका सियाचिन की सुरक्षा पर प्रभाव पड़ता है। अब शक्सगाम घाटी की बात करें तो; 1949 में, जवाहरलाल नेहरू ने युद्धविराम स्वीकार करके और पाकिस्तान पर हमारे हमले को और अधिक न बढ़ाते हुए इसे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का हिस्सा बनने की अनुमति दी। फिर 1963 में, विदेश मंत्री के रूप में जुल्फिकार अली भुट्टो ने चीन के साथ एक समझौता किया और उस क्षेत्र का 5,180 वर्ग किमी हिस्सा उन्हें सौंप दिया। नेहरू ने इसे होने दिया। भुट्टो ने इसे चीनियों को सौंप दिया और अब आप कह रहे हैं कि मोदी दोषी हैं।”
एस जयशंकर ने कहा कि राहुल गांधी चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) पर हमला नहीं करते हैं, जो भारत की संप्रभुता का उल्लंघन करता है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी वास्तव में एक बहुत ही चालाकी से दोहरी बात कर रही है। एक तरफ, राहुल गांधी चीनी राजदूत से गुप्त रूप से मिलेंगे, जबकि डोकलाम चल रहा था… दूसरी तरफ, वे बाहर एक महान राष्ट्रवादी होने का दावा करते हैं।”


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