रूस और चीन में बढ़ सकता है तनाव

बेलारूस ने व्लादिमीर पुतिन को दिया झटका

मास्को। बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको को जन विद्रोह से बचाने में लगे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को मिंस्क से बड़ा झटका लगा है। बेलारूस ने रूस के कर्ज नहीं देने पर चीन के साथ डील कर लिया और चाइना डिवलपमेंट बैंक से 50 करोड़ डॉलर कर्ज ले लिया। इससे पहले रूस ने बेलारूस के 60 करोड़ डॉलर के कर्ज देने के अनुरोध को ठुकरा दिया था।
रूस के पैसे नहीं देने पर बेलारूस के वित्त मंत्री माकसिम येरमलोविच ने चीन से बात की और लोन ले लिया। इसके साथ ही बेलारूस ने रूस को यह संदेश भी दे दिया कि उसे मास्को के पैसे की की जरूरत नहीं है। माकसिम ने कहा, हमने वित्तपोषण के लिए रूस के लोन पर विचार नहीं किया और हम उस पर वार्ता नहीं कर रहे हैं। हमने रूसी पक्ष से कोई अनुरोध नहीं किया है। हम रूसी लोन की आशा नहीं करते हैं।
रूस ने बेलारूस के इस कदम पर सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा लेकिन विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि बेलारूस और चीन के बीच तेजी से बढ़ती दोस्ती नए क्षेत्रीय टकराव का स्रोत हो सकता है। उनका कहना है कि रूस और यूक्रेन तनाव की शुरुआत के बाद चीन बेलारूस का न केवल करीबी आर्थिक मित्र बन गया था, बल्कि दोनों के बीच राजनीतिक और सैन्य संबंध विकसित हो गए थे।
बेलारूस सरकार रूस पर से अपनी निर्भरता अब घटा रही है और उसके लिए यूरोपीय संघ से बड़ा भागीदार चीन बन गया है। उधर, चीन चाहता है कि यूक्रेन के आसपास उसे एक नया रास्ता मिल जाए ताकि वह अपनी बेल्ट एंड रोड परियोजना को यूरोप तक बढ़ा सके। अब बेलारूस रूस से आर्थिक निर्भरता घटाने के लिए चीन का इस्तेमाल कर रहा है। बेलारूस और चीन के बीच बढ़ती दोस्ती का परिणाम है कि दोनों के बीच व्यापार 17 प्रतिशत बढक़र 3.5 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। चीन से आगे अब केवल यूक्रेन और रूस हैं।
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