रुद्रप्रयाग संगम स्थल की सुरक्षा व्यवस्था है भगवान भरोसे

रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग संगम की सुरक्षा वर्षों से भगवान भरोसे ही चल रही है। हालांकि आने वाले समय में यहां की सुंदरता, सुरक्षा और बेहतर व्यवस्थाओं के प्रयास चल रहे हैं किंतु वर्तमान में संगम स्थल पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है। यहां पर्यटक और तीर्थयात्री सीधे अलकनंदा और मंदाकिनी की तेज लहरों के बीच खिलवाड़ कर रहे हैं। उत्तराखंड के पंच प्रयागों में रुद्रप्रयाग का विशेष महत्व है। अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के मिलन से इस संगम की अलग ही विशेषता है किंतु इस धार्मिक और रमणीक स्थल की सुरक्षा पर किसी का ध्यान नहीं है। संगम स्थल पर न तो बेहतर रेलिंग लगाई गई है और न ही किसी सुरक्षाकर्मी की तैनाती की गई है। हालांकि इस क्षेत्र में ग्रामीण निर्माण विभाग द्वारा भव्य आरती मंच का निर्माण किया जा रहा है जिसको रेलिंग और सुरक्षा से मजबूत किया जाएगा किंतु संगम की सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम कौन करेगा इस पर किसी का ध्यान नहीं है। वर्तमान में बड़ी संख्या में पर्यटक और यात्री जोखिमों की बीच स्नान कर रहे हैं। कई लोग यहां नदियों की तेज लहरों के सामने सेल्फी और फोटोग्राफी कर रहे हैं ऐसे में किसी दुर्घटना होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। शुक्रवार को सुबह भी कई पर्यटक इसी तरह संगम स्थल पर जान जोखिम में डालकर स्नान करते देखे गए। बताते चलें कि संगम पर पूर्व में पैर फिसलने और स्नान करते बहने की कई घटनाएं हो चुकी है बावजूद संगम की सुरक्षा राम भरोसे है। इधर, ग्रामीण निर्माण विभाग के ईई हितेष पाल ने बताया कि संगम के समीप करीब 1 करोड़ 2 लाख की लागत से आरती मंच का विस्तार किया जा रहा है। इस मंच के चारों तरफ रेलिंग और लाइटिंग की जाएगी ताकि सुरक्षा की बेहतर व्यवस्था हो। उन्होंने बताया कि मंच से बाहर का कार्य उनके अधीन नहीं है।

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