आरटीई के तहत हुए एडमिशनों की विजिलेंस जांच की मांग

विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा ने शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत को ज्ञापन सौंप कर आरटीई के तहत पिछले दो चार वर्षों में हुई धांधली की विजिलेंस जांच करने की मांग की है। कहा कि इस दौरान आरटीई के तहत हुए एडमिशन में बड़े पैमाने पर धांधली बरती गई है।
जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत को सौंपे ज्ञापन में कहा कि पिछले दो-चार साल के दौरान शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत किए गए एडमिशन में धांधली हुई है। कहा कि व्यापक स्तर पर हुई धांधली की जांच विजिलेंस से कराई जाए। कहा कि धांधली बरते जाने से सरकार को हुई करोड़ों रुपये के नुकसान की भरपाई हो सके। और आरोपियों को विभागीय अधिकारियों, निजी विद्यालय प्रबंधन एवं इसमें शामिल दलालों के गिरोह का भंडाफोड़ हो सके। नेगी ने बताया कि इस मामले में शिक्षा मंत्री डॉ. धनसिंह रावत ने तत्काल जांच कराने का आश्वासन दिया है। नेगी ने कहा कि आरोप लगाया कि खंड स्तर के अधिकारी ईमानदारी से विद्यालय संचालित करने वाले विद्यालय प्रबंधकों से एडमिशन के नाम पर मोटी रकम की डिमांड करते हैं तथा मना करने पर उनको कई प्रकार की धमकी दी जाती है। कहा कि विभागीय अधिकारियों-दलालों एवं कई भ्रष्ट निजी विद्यालयों की सेटिंग गेटिंग के चलते इनको मनमाना एडमिशन कोटा जारी हो जाता है। यही नहीं विभागीय अधिकारियों द्वारा अपने रिश्तेदारों एवं निकट संबंधियों के मृत प्राय: एवं बंद पड़े विद्यालयों तक को भी एडमिशन कोटा जारी किया जाता है। नेगी ने कहा कि वहीं दूसरी ओर ईमानदारी से काम करने वाले विद्यालयों को निर्धारित कोटा भी नसीब नहीं हो पाता। जिस कारण क्षेत्र के गरीब बच्चों को आरटीई का लाभ नहीं मिल पाता। इस खेल में शामिल विद्यालय फर्जीवाड़ा कर अधिक संख्या दर्शा कर मनमाना कोटा हासिल कर लेते हैं।