रोक के बावजूद पिछले तीन वर्षों के भीतर 63 स्कूलों को मान्यता मिली

स्कूलों को मान्यता दिए जाने एवं शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्तियों में बड़े घपले की आशंका
देहरादून. शिक्षा विभाग में अशासकीय स्कूलों को वित्त सहित मान्यता पर रोक के बावजूद पिछले तीन वर्षों के भीतर 63 स्कूलों को मान्यता दे दी गई है। मामला मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के संज्ञान में आने पर उन्होंने शासन को इस प्रकरण की जांच के निर्देश दिए थे। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक इस मामले में फाइल वित्त विभाग की ओर से मुख्यमंत्री को भेज दी गई है। अब सीएम को इस पर निर्णय लेना है। स्कूलों को मान्यता के बाद 12 सौ से अधिक शिक्षकों एवं कर्मचारियों की नियुक्तियां कर ली गई हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि स्कूलों को मान्यता दिए जाने एवं शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्तियों में बड़े घपले की आशंका है। चार फरवरी 2017 को अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूलों को वित्त सहित मान्यता दिए जाने पर रोक लगाई गई थी। शासनादेश में कहा गया था कि स्कूलों को वित्त सहित मान्यता दिए जाने के बजाय जूनियर हाईस्कूल को हर साल प्रोत्साहन धनराशि के रूप में एक लाख रुपये, हाईस्कूलों को दो लाख एवं इंटरमीडिएट कॉलेज को तीन लाख रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाएंगे। लेकिन विभाग के कुछ अधिकारियों की ओर से गुपचुप तरीके से 63 स्कूलों को रोक के बावजूद वित्त सहित पूर्ण मान्यता दे दी गई है। स्कूलों को मान्यता दिए जाने में मानकों की अनदेखी का यह मामला इसी वर्ष फरवरी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के संज्ञान में आने पर उन्होंने विद्यालय शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम को मामले की जांच कर इस तरह के स्कूलों की मान्यता निरस्त करने का निर्देश दिया था।
रोक के बावजूद 63 स्कूलों को मान्यता दिए जाने के मामले की फाइल मुख्यमंत्री के पास है। उनके स्तर से इस पर निर्णय लिया जाना है। -आर मीनाक्षी सुंदरम, शिक्षा सचिव
यह पूरा मामला अधिकारियों के संज्ञान में था। उनके द्वारा ही स्कूलों को वित्त सहित मान्यता दी गई। अब किसी स्कूल की मान्यता निरस्त नहीं की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री इस मामले में किसी भी स्कूल की ग्रांट निरस्त न करने के लिए शासनादेश जारी करने का निर्देश करें।
– डॉ अनिल शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ