आठ हजार की रिश्वत लेते पशु चिकित्साधिकारी रंगे हाथ गिरफ्तार, विजिलेंस टीम ने की कार्रवाई

देहरादून। उत्तराखंड में विजिलेंस ने एक रिश्वतखोर डॉक्टर को रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। डॉक्टर पशुपालन विभाग उत्तरकाशी के बड़कोट में तैनात है। विजिलेंस की टीम आरोपी डॉक्टर से पूछताछ कर रही है। विजिलेंस की टीम ने आरोपी को बकरी लोन की सब्सिडी (अनुदान) की राशि रिलीज कराने के एवज में 8 हजार रिश्वत ली है। शिकायतकर्ता ने 12 जनवरी को विजिलेंस में फ़ोन से शिकायत दर्ज़ कराई थी और 13 जनवरी को एसपी विजिलेंस के कार्यालय में शिकायती पत्र दिया था कि अनुसूचित जाति, जनजाति, बीपीएल महिलाओं को बकरी पालन योजना में मिलने वाले सरकारी अनुदान का चैक देने के एवज में पशुपालन विभाग नौगाँव में तैनात पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ मोनिका गोयल द्वारा आठ हजार रूपये रिश्वत की मांग की जा रही है। योजना के तहत लाभार्थी को 70 हजार का अनुदान मिलना था।

प्राप्त शिकायत पर एसपी विजिलेंस रेनू लोहानी ने आरोपों का संज्ञान लेते हुए गोपनीय जांच कराई। जांच में शिकायत सही पाई गई। जिस पर एक ट्रैप टीम का गठन किया गया। 18 जनवरी को विजिलेंस ट्रैप टीम ने डॉक्टर मोनिका गोयल को शिकायतकर्ता से आठ हजार रूपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। डॉक्टर मोनिका गोयल 2011 से उत्तरकाशी जनपद में पशु चिकित्साधिकारी के पद पर तैनात है। तब ही से उनके पास नौगांव की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी थी। वह मूल रूप से डामटा में तैनात हैं। बड़कोट के पशु चिकित्साधिकारी के अवकाश पर होने के कारण बड़कोट का प्रभार भी डाॅ. मोनिका के पास ही है।मामले में थाना सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून में आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (संशोधित 2018) का मुकदमा पंजीकृत किया गया है।

बता दें नौगांव की बीडीसी बैठक में डाॅ. मोनिका की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए गए थे। ब्लाॅक प्रमुख सरोज पंवार ने कहा कि उक्त पशु चिकित्साधिकारी निजी हित को देखते हुए पशुपालन विभाग की योजनाओं को क्षेत्र विशेष में बंदरबांट करती थीं। बैठक में सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया था कि उक्त पशु चिकित्साधिकारी सरकारी योजनाओं की जानकारी भी नहीं देती थी। वहीं जनपद के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी बीडी ढौंडियाल ने कहा कि अभी उनके पास पुलिस की ओर से कोई सूचना नहीं मिली है। विभागीय तौर पर विधिवत सूचना मिलने पर विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।