
आज से कूपनों पर 11 करोड़ परिवारों से लिया जाएगा चंदा
लखनऊ (आरएनएस)। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से निधि समर्पण संपर्क अभियान चल रहा है। 15 जनवरी को मकर संक्रांति पर्व पर इसकी शुरूआत हुई थी। बीते 17 दिनों में अब तक ट्रस्ट को 500 करोड़ रुपए मिल चुके हैं। आज यानी सोमवार से ट्रस्ट ने अभियान के दूसरे चरण का आगाज किया है। महासचिव चंपत राय ने अयोध्या में डोर-टू-डोर जाकर राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा लिया है। मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने कहा कि यह अभियान 27 फरवरी तक चलेगा। जिसमें कार्यकर्ता कूपन पर घर-घर जाकर धन संग्रह करने का प्रयास करेंगे। राम मंदिर आमजन के इस सहयोग राशि से ही बनेगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर निर्माण उसी समय से शुरू हो गया था, जब मंदिर स्थल पर राम भक्तों का कब्जा हुआ था। उसके बाद से ताला खुलने, सुप्रीम कोर्ट का फैसला, पीएम मोदी के भूमि पूजन व अब नींव की खुदाई आदि निर्माण के विभिन्न चरण हैं। चंपत राय ने बताया कि पहले चरण में 2 हजार रुपए से ज्यादा की धनराशि का दान रसीद पर या चेक के जरिए जमा किया गया। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अयोध्या कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता के मुताबिक बहुत सी बड़ी राशि के चेक बैंकों में कलेक्शन प्रक्रिया में हैं। मगर एक पखवारे से चल रहे इस अभियान में करीब 500 करोड़ की धनराशि जमा होने का अनुमान है। गुप्ता ने बताया कि सारे देश में चलने वाले इस अभियान के बाद अब 1 फरवरी से 27 फरवरी तक करीब 11 करोड़ परिवारों से संपर्क कर 10 रुपए, 100 रुपए व एक हजार रुपए के कूपनों पर धन संग्रह शुरू किया गया है। पूरे देश में एक हजार करोड़ कूपन वितरित किए गए हैं।
एक हजार करोड़ रुपए के कलेक्शन का अनुमान
प्रकाश गुप्ता ने बताया कि अयोध्या जिले में महानगर से लेकर ब्लाक न गांव पंचायत तक गठित धन संग्रह टोलियों को लाखों की संख्या में कूपन वितरित किए गए हैं। जिन पर धन संग्रह होगा। पूरे देश में इसी तरह हर प्रांतों में धन संग्रह टोलियों का गठन कर कूपन वितरित किए गए हैं। जिससे देश भर में धन संग्रह अभियान चलेगा। उम्मीद है दो चरणों में चलने वाले अभियान में एक हजार करोड़ रुपए की दान राशि जमा हो जाएगी। बताया गया कि मंदिर की नींव की खुदाई का काम चल रहा है। मुख्य मंदिर के पूरे क्षेत्र की नींव की खुदाई में तीन महीने का समय लग सकता है। जिसकी 40 फीट गहराई तक खुदाई होगी। इसके बाद मिर्जापुर के पत्थरों से नींव का प्लेटफार्म तैयार किया जाएगा।