रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया पांचवें धाम के रूप में बनने वाले सैन्यधाम का शिलान्यास

देहरादून। उत्तराखंड में पांचवें धाम के रूप में बनने वाले सैन्यधाम का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शिलान्यास किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को सैन्यधाम में शहीद परिजनों का सम्मान किया। वह देहरादून के सैन्यधाम पहुंचे और शहीदों के आंगन की मिट्टी पर पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में देहरादून के 204 शहीद परिजनों को सम्मानित किया गया। सैन्यधाम के मुख्य द्वार का नाम सीडीएस स्व. जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखने का निर्णय लिया गया है।

जनता को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड सरकार का आभार जताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चार साल पहले पांचवें धाम की बात कही थी। राज्य सरकार ने इसे आगे बढ़ाने का काम किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि सैन्य धाम का निर्माण जल्द से जल्द पूरा होगा। उन्होंने कहा, उत्तराखंड वीरों की और शौर्य-पराक्रम की भूमि है। राज्य के किसी भी हिस्से में चले जाइये वीरता के किस्से सुनाई देते हैं। उन्होंने कहा कि जो भी सैन्यधाम आएगा, यहां से प्रेरणा लेकर जाएगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री की उपब्लिधों को गिनाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ की। राजनाथ सिंह ने पड़ोसी देशों को भी दो टूक चेतावनी दी। हम दुश्मन को इस पार ही नहीं उस पार भी जाकर मार सकते हैं। पहले अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की बात को गंभीरता से नहीं लिया जाता था, अब लिया जाता है।

उन्होंने कहा कि 1734 शहीद परिवारों के आंगन की मिट्टी लेकर उत्तराखंड में सैन्य धाम बनेगा। शहीद वही हो सकता है, जिसके लिए राष्ट्र सर्वोपरि होता है। छोटे मन के लोग यहां काम नहीं कर सकते। जब भारत में ब्रिटिश साम्राज्य था तो 14 और 18 साल के युवाओं ने हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया था। वह राष्ट्र भावना थी। चंद्रशेखर आजाद ने 26 साल में, अशफाक उल्ला खान ने 23 साल की उम्र में बलिदान दिया था। जब अशफाक से पूछा गया कि अंतिम इच्छा क्या है तो उन्होंने कहा कि मेरी मां को यह संदेश भिजवा देना कि आज उसका बेटा फांसी के तख्ते पर खड़ा होकर शादी कर रहा है।

सैनिकों का सम्मान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : सीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि केंद्र सरकार ने सैनिकों का मनोबाल बढ़ाने का काम किया है। सेना के सशक्तिकरण की रक्षामंत्री की जो दूरदृष्टि है, उसका आगे भी अनुसरण किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत को याद किया। कहा, उत्तराखंड से उन्हें गहरा लगाव था। उनके राज्य को लेकर कई सपने थे, जो अब राज्य सरकार पूरा करेगी। यह स्थान युवाओं को देशसेवा के लिए प्रेरित करेगा। कई पीढियां यहां शहीदों की वीर गाथा से रूबरू होती रहेगी।
सीएम ने कहा कि सैनिकों का सम्मान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सैन्य धाम को पूर्ण मनोयोग से बनाया जाएगा। सैनिकों का सम्मान ही हमारा सम्मान है। मोदी सरकार ने सेना को छूट दी है। आज गोली का जवाब गोली से दिया जाता है। सेना को सशक्त बनाया जा रहा है। हम शहीदों का कर्ज कभी नहीं चुका सकते।

सैन्यधाम एक एतिहासिक पहल: अजय भट्ट
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि देश शहीदों का ऋणी है। सैन्य धाम एक ऐतिहासिक पहल है। देश-दुनिया के लोग इसे देखने आएंगे। आज प्रधानमंत्री की अगुआई में देश एक मजबूत शक्ति बनकर उभरा है। जमीन पर, नभ और जल में दुश्मन भारत की तरफ आंख उठाकर नहीं देख सकता। हम रक्षा उत्पाद में आत्मनिर्भर बन रहे हैं। सेना के साजोसामान निर्यात करने वाले टाप-25 में आ गए हैं।

सैन्य धाम में आम जनमानस का सहयोग मिल रहा: गणेश जोशी
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा, देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना से सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है। देश में हर पांचवां सैनिक उत्तराखंड से है। सेना में 17.5 प्रतिशत मैनपावर यहीं से है। सैनिकों के हित को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें लगातार काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सैन्य धाम में आम जनमानस का सहयोग मिल रहा है। सैन्यधाम ऐसा बनेगा कि लोग चारधाम की यात्रा को आएंगे तो इस पांचवें धाम के भी दर्शन करेंगे।

गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा : मदन कौशिक
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि रक्षा मंत्री के नेतृत्व और प्रधानमंत्री के निर्देशन में सेना का आधुनिकीकरण हो रहा है। पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया कि गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा। राफेल के पूजन से भी एक अलग संदेश दिया गया।


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