राज्य सरकार कर रही उत्तराखंड आंदोलकारियों की घोर उपेक्षा

अल्मोड़ा। राज्य आंदोलनकारियों ने नगर के गांधी पार्क में धरना दिया तथा राज्य आंदोलनकारियों को 20 हजार रूपये मासिक पेंशन दिए जाने सहित विभिन्न मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री उत्तराखंड को प्रेषित किया। बुधवार को आयोजित सभा में वक्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड आंदोलकारियों की घोर उपेक्षा कर रही है जिसका उदाहरण है कि उन्हें दिए गए क्षैतिज आरक्षण के विधेयक को वर्षों से लंबित रखा गया है, सरकार अपने कार्यकर्ताओं को तो लोकतंत्र सेनानी जैसे नए नए नाम देकर 20 हजार मासिक पेंशन दे रही है, प्रतिवर्ष विधायकों के पेंशन भत्ते बढ़ा रही है किन्तु राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने सहित अन्य मांगों पर मौन है। राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि गैरसैंण राजधानी के बिना राज्य का समग्र विकास संभव नहीं है इसलिए गैरसैंण को शीघ्र स्थाई राजधानी घोषित किया जाय, मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप आश्रितों को शीघ्र पेंशन दी जाय। चिन्हीकरण से बंचित राज्य आंदोलनकारियों का चिन्हीकरण किया जाय तथा राज्य के विकास में राज्य आंदोलनकारियों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाय। सरकार ने उनकी मांगों पर शीघ्र कार्यवाही नहीं की तो राज्य आंदोलनकारी जनजागरण यात्रा निकाल कर सरकार को जगाने के साथ साथ तथा राज्य आंदोलनकारियों को एकजुट कर बड़े आंदोलन की तैयारी करेंगे। धरने में ब्रह्मा नन्द डालाकोटी, महेश परिहार, दौलत सिंह बगड्वाल, देवनाथ गोस्वामी, गोपाल सिंह बनौला, पूरन सिंह बनौला, बहादुर राम, पान सिंह फर्त्याल, कैलाश राम, सुशील चन्द्र, तारादत्त तिवारी, नवीन चन्द्र डालाकोटी, दिवान सिंह, ताराराम, कैलाश राम, मदनराम, सुंदर राम, रमेश सिंह, कमला जोशी आदि सम्मिलित हुए।


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