पंजाब में एनकाउंटर के डर से दिल्ली आ गया था जग्गा
रुद्रपुर। संदिग्ध आतंकी गतिविधियों के आरोपों में सलाखों के पीछे पहुंचा गूलरभोज निवासी जगजीत सिंह उर्फ जग्गा जरायम की दुनिया में अपना अलग रसूख कायम करना चाहता था। पंजाब में एक मामले में धमकी देने के आरोप के बाद वह पुलिस के रडार पर आया। इस दौरान एनकाउंटर के डर से उसने नौशाद से मदद मांगी और दिल्ली पहुंच गया। पंजाब पुलिस भी उसका पीछा कर रही थी लेकिन इससे पहले ही जग्गा और नौशाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हत्थे चढ़ गए। सूत्रों के मुताबिक, तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान जग्गा ने लंबी पूछताछ में यह राज खोला। सूत्रों के मुताबिक, पंजाब में एक महिला को उसके सुसराली प्रताड़ित कर रहे थे। जग्गा से लोकल संपर्क के जरिए महिला के परिजनों ने मदद मांगी थी। इस पर जग्गा ने महिला के पति को फोन पर धमकाया था। इसके बाद से वह पंजाब में पुलिस के रडार पर आ गया। सूत्रों के मुताबिक, पंजाब पुलिस की जांच का दायरा बढ़ा तो जग्गा के प्रतिबंधित संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स के अर्शदीप ढल्ला से संपर्क की जानकारी पंजाब पुलिस को मिली थी। इसके बाद पंजाब पुलिस जग्गा की तलाश में थी। सूत्रों के मुताबिक, जग्गा ने पूछताछ में बताया कि उसे एनकाउंटर का डर था। तब वह नौशाद के संपर्क में आया और दिल्ली चला गया। हल्द्वानी जेल में रहने के दौरान नौशाद से उसकी अच्छी दोस्ती हो गई थी। नौशाद के बेटे को फोन कर उसने नौशाद से दिल्ली में संपर्क किया था।
पूछताछ के दौरान जग्गा ने पुलिस को अपनी फर्जी कहानी बनाकर खूब घुमाया। सूत्रों के अनुसार, उसने पैरोल से लौटकर आने के बाद पांच-छह हथियाबंद बदमाशों के उस पर फायरिंग की कहानी गढ़ दी। पुलिस टीमों ने जब उसके बताए घटनास्थल की तस्दीक की तो उसकी कहानी फर्जी निकली। वहीं उसने पंजाब से लेकर दिल्ली तक करीब 30 से अधिक सहयोगियों के नाम गिना दिए। पुलिस को पूछताछ में गुमराह करने के लिए जग्गा एक के बाद एक कहानी गढ़ता गया।
सूत्रों के मुताबिक, पीसीआर में जग्गा को हल्द्वानी की जगह सितारगंज सेंट्रल जेल में रखने का राज भी खुल गया। जग्गा ने पूछताछ में बताया कि वह हल्द्वानी जेल में अपनी धमक बनाना चाहता था। वहां रहते हुए उसकी एक बड़े अपराधी से लड़ाई हो गई थी। इसके बाद दोनों में ठन गई थी। सितारगंज सेंट्रल जेल में सिर्फ सजायाफ्ता कैदी रखे जाते हैं। स्थानीय पुलिस वारंट पर जग्गा को जब पंजाब से यहां लाई, तो उसे हल्द्वानी जेल की बजाय सितारगंज सेंट्रल जेल में रखा गया।
पंजाब पुलिस की बढ़ती घेराबंदी के बीच जग्गा विदेश भागने की फिराक में भी था। सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में उसने बताया कि कथित सुहैल ने उसे हत्या कर सिर कलम करने के डेमोस्ट्रेशन के लिए 20 लाख रुपये का कांट्रेक्ट दिया था। उसका इरादा यह रकम आने के बाद किसी तरह पासपोर्ट बनाकर कनाडा भागने का था लेकिन इससे पहले ही वह दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
14 अप्रैल को दिल्ली पुलिस पेशी को ले जाएगी
सितारगंज सेंट्रल जेल से मिली जानकारी के मुताबिक, जग्गा की 10 और 14 अप्रैल को रुद्रपुर में कोर्ट में पेशी होनी है। वहीं 15 अप्रैल को उसकी दिल्ली की कोर्ट में पेशी है। ऐसे में 14 अप्रैल को दिल्ली पुलिस उसे वारंट पर दिल्ली ले जा सकती है। जग्गा को सितारगंज सेंट्रल जेल में कड़ी सुरक्षा में अकेले रखा गया है। उससे किसी को मुलाकात करने की इजाजत नहीं है।