चिराग पासवान के बागी चचेरे भाई और सांसद प्रिंस राज की मुश्किलें बढ़ी
0- यौन शोषण के मामले में एफआईआर दर्ज
पटना ,16 जून (आरएनएस)। बिहार की लोक जनशक्ति पार्टी में सियासी वर्चस्व की लड़ाई के बीच एक नया मोड़ आ गया है। समस्तीपुर से सांसद व चिराग पासवान के चचेरे भाई प्रिंस राज पर एक लड़की ने कथित तौर पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं। लड़की ने प्रिंस राज पर शादी का झांसा देकर रेप करने का आरोप लगाया है। लड़की ने इस मामले में पुलिस थानें पर तीन पेज की लिखित शिकायत दी है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने यौन शोषण के मामले में प्रिंस के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। प्रिंस के खिलाफ नई दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में एक लड़की ने शिकायत दर्ज करवाई है। लड़की का आरोप है कि प्रिंस पासवान ने पानी में नशीला पदार्थ मिलाने के बाद उनके साथ रेप किया। लड़की ने आरोप लगाया है कि पानी पीते ही वह बेहोश हो गईं और उसके साथ बेहोशी की हालत में रेप किया गया। 15 जून को पीड़िता ने तीन पन्नों में विस्तार से आपबीती बताते हुए दिल्ली पुलिस के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करवाई है।
प्रिंस के खिलाफ नई दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में एक लड़की ने शिकायत दर्ज करवाई है। लड़की का आरोप है कि प्रिंस पासवान ने पानी में नशीला पदार्थ मिलाने के बाद उनके साथ रेप किया। लड़की ने आरोप लगाया है कि पानी पीते ही वह बेहोश हो गईं और उसके साथ बेहोशी की हालत में रेप किया गया। 15 जून को पीड़िता ने तीन पन्नों में विस्तार से आपबीती बताते हुए दिल्ली पुलिस के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करवाई है।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि अभी शिकायत मिली है। मामले की जांच जारी है। प्रिंस राज चिराग पासवान के दिवंगत चाचा रामचंद्र पासवान के पुत्र हैं। रामचंद्र पासवान के निधन के बाद खाली हुई समस्तीपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर प्रिंस राज सांसद बने हैं। हरेशा चिराग पासवान के साथ दिखने वाले प्रिंस फिलहाल उनके विरोध में हैं, जबकि उनको चुनाव में जीत दिलाने के लिए चिराग पासवान ने ही उनके चुनाव अभियान की कमान संभाली थी।
लोजपा में विरोध का सामना कर रहे चिराग पासवान ने दोपहर ट्विटर पर एक चिट्ठी शेयर कर अपने चचेरे भाई और सांसद प्रिंस राज से जुड़े एक मामले का जिक्र किया था, जिसमें एक महिला ने उन पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। चिराग ने अपनी चिट्ठी में लिखा था कि बड़ा भाई होने के नाते उन्होंने प्रिंस को पुलिस के पास जाने की सलाह दी थी ताकि झूठ और सच का पता चल सके और दोषी को दंड मिले। चिराग ने इस चिट्ठी क जरिये यह बताने की कोशिश कर रहे थे कि इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी बागी हुए चाचा पशुपति पारस ने कोई सलाह नहीं दी और कन्नी काट गए, जबकि यह मुद्दा पार्टी के साथ परिवार की भी प्रतिष्ठा से जुड़ा था।