हिमालय हमारा आधार स्तम्भ है हमें मिलकर इसकी रक्षा करनी चाहिए: प्रो राव

अल्मोड़ा। गोविन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी-कटारमल में विशेष व्याख्यान श्रृंखला के 9वें लोकप्रिय व्याख्यान का आयोजन हाइब्रिड मोड में किया गया। यह व्याख्यान प्रौद्योगिकी संकाय, दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व डीन प्रो के एस राव द्वारा ‘पर्यावरण और विकास: हिमालय के लिए मेरे अवलोकन और राय’ विषय पर दिया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ में अपने उदबोधन में प्रो नौटियाल ने संस्थान और इसकी क्षेत्रीय इकाइयों द्वारा हिमालयी क्षेत्रों में किये जा रहे विभिन्न विकासात्मक कार्यों और हितधारकों द्वारा लिये जा रहे लाभों से सबको अवगत कराया तथा संस्थान की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी दी। लोकप्रिय व्याख्यान के मुख्य वक्ता प्रो के एस राव ने कहा कि हिमालय हमारे लिए एक रक्षक की भांति है जो हमारी रक्षा और विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहा है। अगर हिमालय नहीं होता तो हमें काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता और हमारे अस्तित्व भी खतरे में होता। हमें हिमालय की हर दृष्टि से रक्षा करनी चाहिए। प्रो राव ने हिमालयी राज्यों में फसल उत्पादकता, पलायन और समाज पर इसका प्रभाव, कार्बन पृथक्करण, जंगल की आग, हिमालयी क्षेत्रों में यातायात व समुदायों का संरक्षण और पर्यावरण विनियमन सेवाओं पर जानकारी दी और अपना ज्ञान साझा किया। कार्यक्रम की अध्यक्ष मीनाक्षी नेगी आईएफएस सदस्य सचिव राष्ट्रीय महिला आयोग ने संस्थान तथा इसकी क्षेत्रीय इकाइयों द्वारा हिमालयी क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों और जनमानस तक उनकी पहुंच की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रो के एस राव के इस ज्ञान से संस्थान को शोध हेतु काफी संभावनाएं हैं संस्थान को मिलकर इस दिशा में जनजारूकता और युवा पीढ़ी को प्रेरित करने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम के अन्त में शोधार्थियों और मुख्य वक्ता के मध्य खुली परिचर्चा का भी आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बाथ स्पा विश्वविद्यालय, यूनाइटेड किंगडम, कम्ब्रिया विश्वविद्यालय, यूनाइटेड किंगडम के विद्यार्थियों समेत संस्थान मुख्यालय, गढ़वाल क्षेत्रीय केंद्र, हिमाचल क्षेत्रीय केंद्र, सिक्किम क्षेत्रीय केंद्र, अरुणाचल क्षेत्रीय केंद्र तथा लद्दाख क्षेत्रीय केंद्र के लगभग 350 कर्मचारियों और शोधार्थियों ने प्रतिभाग किया।


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