‘प्रेमचंद का कालजयी साहित्य’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित

अल्मोड़ा(आरएनएस)।  हिंदी विभाग, सोबन सिंह जीना परिसर,अल्मोड़ा और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में प्रेमचंद जयंती के अवसर पर ‘प्रेमचंद का कालजयी साहित्य’ विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी गणित विभाग के सभागार में आयोजित हुई। कार्यक्रम संयोजक पूर्व कुलपति व कला संकायाध्यक्ष प्रो जगत सिंह बिष्ट ने संगोष्ठी के विषय से परिचय कराते हुए कहा कि प्रेमचंद विश्व साहित्य की धरोहर हैं। उन्होंने काल्पनिक धरातल से हटकर वास्तविक धरातल को देखा और समाज के वास्तविक रूप को प्रस्तुत किया। उन्होंने जो पीड़ा सहन की है, उसी को अपने साहित्य में लिखा है। प्रो देव सिंह पोखरिया ने कहा कि प्रेमचंद ने विभिन्न पत्रिकाओं के माध्यम से सजग पत्रकारिता की। उनके उपन्यासों में सामाजिक चिंतन दिखाई पड़ता है। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो सतपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि प्रेमचंद ने गरीबों/निर्धनों की आवाज को मुखर किया है। उन्होंने शोषित समाज की भयावह स्थितियों पर लेखन किया है। उनके लेखन से समाज की खाईयां कम हुई हैं। वे मानवता के पक्षधर रहे हैं। उनके लेखन से सीख लेते हुए रचनाएं लिखने की जरूरत है। उन्होंने हिंदी विभाग के शिक्षकों को भी अपने वरिष्ठ सहयोगियों की भांति साहित्य क्षेत्र में उत्कृष्ट मानक स्थापित करने को प्रेरित किया। इस एकदिवसीय संगोष्ठी में अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो शेखर जोशी, कुलानुशासक डॉ नंदन सिंह बिष्ट, डॉ गीता खोलिया,डॉ ममता पंत, डॉ माया गोला, डॉ बचन लाल, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सदस्यों के साथ परिसर के सभी विभागों के विद्यार्थी, शिक्षक, कैडेट्स एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।


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