प्रतिबंधित व विवादित किताबों का एक हैंगआउट आयोजित किया

देहरादून। दून की किताबों वाली कम्यूनिटी बुकनर्डस ने प्रतिबंधित व विवादित किताबों का एक हैंगआउट आयोजित किया। जिसमें उन किताबों पर चर्चा की गई जो अपनी विवादित विषयवस्तु की वजह से प्रतिबंधित या बेहद चर्चित रही। वक्ताओं का कहना था कि ऐसी पुस्तकों पर प्रतिबंध लगाकर उन विषयों पर पाठकों का अपनी वैचारिक दृष्टिकोण विकसित करने की स्वतंत्रता पर प्रहार करना है। राजपुर रोड स्थित ‘द ब्लू डोर में हुई चर्चा में शामिल होते हुए बुकनर्डस के सह-संस्थापक रोहन राज ने सत्र के लिए चुनी गई प्रतिबंधित पुस्तकों का परिचय दिया। फिलिप ब्यूरेट (मेंटर, मोटरसाईक्लिस्ट और वक्ता), कीर्ति शेरॉन (स्वव्यवसायी और स्टोरीटेलर), गौतम अग्रवाल (व्यवसायी और एग्रीकल्चर विशेषज्ञ) और डॉ. सुनील आर परब (एसोसिएट प्रोफेसर दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) इस आयोजन के प्रमुख चर्चा कर्ता रहे। सत्र में जिन किताबों पर चर्चा की गई वो थी, हार्पर ली की ‘टू किल ए मॉकिंगबर्ड, खुशवंत सिंह की ‘ट्रेन टू पाकिस्तान, विक्टर ई मार्सडेन की द प्रोटोकॉल्स ऑफ द मीटिंग ऑफ द लर्नेड एल्डर्स ऑफ जियोन तथा ऑड्रे ट्रुशके द्वारा लिखी औरंगजेब-द मैन एंड द मिथ। इस चर्चा में कई दृष्टिकोण से बातचीत हुयी। अंत में चर्चाकारों और उपस्थित पाठकों के विभिन्न मतों को एक निष्कर्ष के तौर पर रखा गया। बुकनर्डस की सह संस्थापक नेहा राज ने चर्चाकारों को हैंपर्स देकर धन्यवाद किया।


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