प्राथमिक शिक्षक संघ निर्वाचन संयोजक मंडल भंग, चुनाव को लेकर खिंची तलवारें
देहरादून। शासन ने उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के चुनावों के लिए गठित निर्वाचन संयोजक मंडल को भंग कर दिया है। जिससे प्राथमिक शिक्षक संघ चुनाव की समस्त प्रक्रिया भी निरस्त हो गई है। शनिवार को प्राथमिक शिक्षा के निदेशक आके उनियाल ने इस आशय का पत्र जारी किया। बताया कि इसी महीने प्रांतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के चुनाव की तिथियां निर्धारित थी, लेकिन चुनाव आयोजित करवाने को लेकर संघ के विभिन्न पदाधिकारियों एवं सदस्यों की ओर से आपत्ति जताई गई। चुनाव के लिए सदस्य एक मत न होने के कारण वर्तमान निर्वाचन प्रक्रिया की कार्यवाही को अग्रिम आदेश तक स्थगित किया गया है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों व प्रांतीय शिक्षक संघ को अवगत करवा दिया गया है।
उधर, प्रांतीय शिक्षक संघ के चुनाव प्रक्रिया रद किए जाने के कारण उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ और उत्तरांचल स्टेट प्राइमरी टीचर्स एसोसिएशन के बीच तलवारें खिंच गई हैं। दोनों संगठन समानान्तर रूप से कार्य कर रहे हैं और दूसरे के धुर विरोधी हैं। उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौहान व महामंत्री नंदन सिंह रावत ने निर्वाचन संयोजक मंडल को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने भंग का दिया है। साथ ही वर्ष 2018 की विवादित सूची पर की जा रही संपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है अब संगठन के चुनाव पंजीकृत बाइलाज के नियमों के अनुसार होंगे। इसलिए सदस्य बनाने की प्रक्रिया को शीघ्र आरंभ कर दिया जाए।
धर्मेंद्र सिंह रावत (मुख्य संयोजक, प्रांतीय निर्वाचन समिति) का कहना है कि उत्तरांचल स्टेट प्राइमरी टीचर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष, मंत्री, संयोजक व सदस्य निर्धारित 13 नवंबर को प्रस्तावित बैठक में भाग लेना सुनिश्चित करें। कार्यक्रम स्थल की सूचना अलग से दी जा रही है। उच्च न्यायालय नैनीताल की ओर से पारित प्रांतीय निर्वाचन 2018 अमान्य होने के चलते सदस्यों की मांग पर यह बैठक बुलाई गई है।