प्रशांत भूषण को अवमानना का दोषी ठहराए जाना दुखद

अल्मोड़ा। वरिष्ठ समाजसेवी और सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अवमानना का दोषी ठहराए जाने पर उत्तराखंड लोक वाहिनी ने दुखद बताया। बुधवार को उलोवा की ओर से आयोजित संवाद कार्यक्रम में वक्ताओं ने विचार रखते हुए न्यायालयों के फैसलों पर नाराजगी जताई। कहा कि राजनेता आए दिन अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए न्यायालय के निर्णयों और आदेशों की आलोचना करते रहते हैं। वक्ताओ ने कहा कि इतिहास में कई मामले ऐसे हैं जब सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की आलोचना हुई है। फैसलों से एक पक्ष असंतुष्ट होता है, तो वह फैसलों की आलोचना करने लगता है। संवाद कार्यक्रम में उत्तराखंड लोक वाहिनी के महासचिव पीसी तिवारी, छावनी परिषद उपाध्यक्ष जंग बहादुर थापा, वरिष्ठ अधिवक्ता जगत सिंह रौतेला, बार एसोसिएशन सचिव दीप जोशी, दया कृष्ण कांडपाल, अजयमित्र सिंह बिष्ट, कुणाल तिवारी, अजय सिंह मेहता, कुंदन सिंह, सूरज टम्टा, माधुरी मेहता, रेवती बिष्ट, आदि मौजूद रहे।

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