
देहरादून(आरएनएस)। प्रधानाचार्य भर्ती समर्थक शिक्षकों ने भर्ती के समर्थन में सड़कों पर उतरने की चेतावनी है। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया को लटकाने के लिए राजकीय शिक्षक संघ अवैध तरीके से काम करहा है, जबकि उसका कार्यकाल खत्म हो चुका है। संघ ने अदालत में भी हलफनामा दिया है, बावजूद इसके शिक्षकों को आंदोलन में उतारा जा रहा है। उत्तराखंड प्रधानाचार्य सीमित विभागीय पदोन्नति परीक्षा समर्थक मंच ने ऑनलाइन बैठक की। कहा कि अगर प्रधानाचार्य विभागीय पदोन्नति परीक्षा प्रक्रिया में व्यवधान पैदा किया जाता है तो भर्ती समर्थक शिक्षक अभिभावकों और छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षा मंत्री आवास घेरेंगे। उन्होंने एलटी शिक्षकों के लिए स्पेशल यूटीईटी करवाने की मांग रखी। प्रांतीय संयोजक बृजेश पंवार ने चयन और प्रोन्नत वेतनमान पर एक इंक्रीमेंट की व्यवस्था फिर से शुरू करने की मांग रखी गई। विनीता बहुगुणा द्वारा कहा गया कि राजकीय शिक्षक संघ की कार्यकारिणी अस्तित्व में ही नहीं है तो फिर कैसे शिक्षकों को हड़ताल में शामिल होने के लिए कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर कोर्ट में रखे जाने चाहिए। शिक्षक नेता प्रीतम सिंह ने जल्द से जल्द राजकीय शिक्षक संघ की कार्यकारिणी के चुनाव की मांग रखी। प्रांतीय महासचिव डॉ. कमलेश कुमार मिश्र ने परीक्षा की वजह से अगले दस साल में सिर्फ दो हजार शिक्षक ही सीधे तौर पर प्रभावित होंगे, जबकि परीक्षा के माध्यम से पदोन्नति होने से शिक्षकों के साथ-साथ लाखों छात्रों को लाभ मिलेगा। बैठक में आकाश चौहान, द्वारिका प्रसाद पुरोहित, शंकर डबराल, योगेंद्र सिंह नेगी ,जवाहर सिंह रावत, चंडी प्रसाद, नरेंद्र सिंह बिष्ट प्रीतम सिंह नेगी ,जनक रावत, राजेश रमोला, दिनेश चंद्र पांडे , विनीता बहुगुणा, अमिता सिंह, रेनू विद्यार्थी, दीपमाला भट्ट, नवीन उपाध्याय, राजीव मिश्रा, राहुल महर, भूपेंद्र सिंह, मोहम्मद उस्मान, रामनारायण नौटियाल, रजनीश सेमवाल ,चंद्रकला वर्मा राकेश राणा, जयेंद्र रावत सहित 100 से अधिक शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया गया l





