प्रदेश के लोक कलाकारों को आनलाइन मंच मिलने की उम्मीद

देहरादून। अब उत्तराखंड के लोक कलाकारों को प्रस्तुति देने के लिए आनलाइन मंच मिलने की उम्मीद जगी है। इस संबंध में संस्कृति विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेजा है। कलाकारों ने इसका स्वागत किया है। उत्तराखंड में संस्कृति विभाग में तकरीबन 274 ग्रुप पंजीकृत हैं, प्रत्येक ग्रुप में 12 से 20 कलाकार हैं। बीते वर्ष कोरोना संक्रमण शुरू होने के बाद से स्टेज शो बंद हैं, ऐसे में लोक कलाकार प्रस्तुति देने के लिए आनलाइन मंच की मांग कर रहे थे। बीते वर्ष अप्रैल में संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने भी मंच उपलब्ध कराने के लिए कलाकारों को आश्वस्त किया था, लेकिन एक वर्ष बाद कार्रवाई न होने के बाद कलाकारों ने मांग दोहराई, जिसके बाद बीते फरवरी में मंत्री ने कहा कि बदली परिस्थितियों में लोक कलाकारों को राहत देने के लिए आनलाइन मंच प्रदान करना आवश्यक है। इस दिशा में संस्कृति विभाग को कार्रवाई करनी चाहिए। अब विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। संस्कृति विभाग की निदेशक बीना भट्ट का कहना है कि कलाकारों को आनलाइन मंच उपलब्ध कराने के लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। अब आदेश के इंतजार के बाद कलाकारों को बेहतर मंच मिलेगा।
उत्तराखंड फिल्म टेलीविजन एंड रेडियो एसोसिएशन (उफतारा) के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भंडारी का कहना है कि विभाग को यह कार्य बीते वर्ष ही करना चाहिए था। एसोसिएशन की ओर से भी कई बार अधिकारियों के संज्ञान में लाने का प्रयास किया गया कि कलाकारों की आजीविका का जरिया उनकी प्रस्तुति है। उत्तराखंड लोक कलाकार संरक्षण संघ के सचिव संजय नेगी ने कहा कि कलाकारों के प्रति विभाग का रवैया शुरू से ही संतोषजनक नहीं रहा है। सरकार ने कलाकारों को एक-एक हजार रुपये आर्थिक सहायता की घोषणा की थी, लेकिन चुनिंदा ग्रुप के कलाकारों को भी इसका लाभ मिला।

 


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