अब प्रभारी मंत्री के लिए कर्नाटक भाजपा में दो फाड़, सोमन्ना और अशोक हुए आमने-सामने
बेंगलुरु (आरएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से बीएस येदियुरप्पा के जाने के महीनों बाद, दो मंत्री बेंगलुरु शहरी के प्रभारी मंत्री पद के लिए दावा कर रहे हैं। उनके इस दावे से कर्नाटक भाजपा में संकट गहराता जा रहा है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई इस पर विचार कर रहे हैं कि उन्हें इस पद के लिए किसे चुनना है। वरिष्ठ मंत्री वी सोमन्ना ने आर अशोक की खिंचाई की और कर्नाटक की राजधानी में महत्वपूर्ण पद के लिए अपनी उम्मीदवारी को आगे बढ़ाया। आवास और बुनियादी ढांचा विकास मंत्री वी सोमन्ना ने राजस्व मंत्री आर अशोक पर अपनी वरिष्ठता का जिक्र किया।
उन्होंने कहा, जब मैं मंत्री था तब अशोक सिर्फ एक विधायक थे। मुझे नहीं पता कि उनके पिता ने उनका नाम अशोक क्यों रखा। वह सम्राट अशोक की तरह व्यवहार करते हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि मैं उनसे अधिक वरिष्ठ हूं और मैं पिछले 40 वर्षों से राजनीति में हूं।
सोमन्ना के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अशोक ने कहा, मैंने किसी भी जिला प्रभारी पद की मांग नहीं की है। मुख्यमंत्री का अधिकार प्रभारी मंत्री नियुक्त करना है। मैं मुख्यमंत्री के फैसले के लिए प्रतिबद्ध हूं।
दोनों मंत्रियों के बीच अंदरूनी कलह पार्टी के अंदर दो अलग-अलग खेमों के निर्माण की ओर ले जा रही है। यह एक एक ऐसी समस्या है जिससे भाजपा कर्नाटक पिछले कुछ समय से कथित तौर पर निपट रही है। हालांकि, राज्य के अधिकांश नेताओं ने अशोक के पद के लिए सोमन्ना का समर्थन किया है।
सरकार के सूत्रों ने कहा, भारतीय जनता पार्टी के अधिकांश नेता चाहते हैं कि वी सोमन्ना को अशोक के बजाय बेंगलुरु शहर के प्रबंधन की जिम्मेदारी दी जाए। लेकिन इस समय यह स्पष्ट है कि दोनों मंत्री बेंगलुरु की जिम्मेदारी लेने के लिए दो टीमें बना रहे हैं।