पीपीआईडी ने विधानसभा प्रत्याशियों की दूसरी सूची की जारी, द्वाराहाट से एडवोकेट डॉ प्रमोद कुमार होंगे दावेदार
अल्मोड़ा। आज 30 दिसंबर को पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक के राज्य अध्यक्ष एडवोकेट डॉ प्रमोद कुमार ने स्थानीय होटल में एक पत्रकार वार्ता करते हुए विधानसभा प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी की। जिसमें थराली से वीरेंद्र लाल, सहसपुर से गणेश दोहरे, धरमपुर से दीपक नौटियाल, रायपुर से रामपाल सिंह, राजपुर रोड से श्याम सिंह, द्वाराहाट से एडवोकेट डॉ प्रमोद कुमार, सोमेश्वर से दिनेश चंद, हल्द्वानी से मनोज कुमार नाग, जसपुर से सुमित कुमार के नामों की घोषणा की और पार्टी की ओर से जारी संकल्प पत्र जारी किया। उन्होंने कहा की पार्टी का उदय संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए लिए हुआ है, तानाशाही, सुप्रीमो, वाद परिवारवाद के विरुद्ध हुआ है। संगठन के भीतर और देश में लोकतंत्र कायम करने के लिए पार्टी वचनबद्ध है इसलिए मैं पार्टी से जुड़ा और आज पार्टी के लिए पूरे प्रदेश में कार्य कर रहा हूँ। उन्होंने कहा कि राज्य में 21 सालों में उत्तराखंड मेहनतकश और शोषित वंचित के साथ अन्याय शोषण व उत्पीड़न का केंद्र बना हुआ है। राज्य का पर्यावरण पूरी तरह नष्ट हो चुका है, प्राकृतिक खूबसूरती पर आधारित राज्य सरकारों की नीतियों के कारण आज राज्य अपनी पहचान खोते जा रहा है व वनों के अंधाधुंध दोहरे अनियोजित विकास के नाम पर लाखों पेड़ काटे जा चुके हैं, जिससे राज्य की खूबसूरती बदसूरत होती जा रही है। राज्य बनने के बाद से सरकार की नीतियों के कारण बागवानी समाप्त हो रही है, प्राकृतिक स्रोत समाप्त होते जा रहे हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य के में निजीकरण से नागरिकों से लूट हो रही है। उन्होंने कहा कि शराब के फैलाव से गरीब, छात्र, युवा, महिलाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं, सरकार व व्यवसाई मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन 21 सालों में भाजपा कांग्रेस ने बारी-बारी से राज्य में सरकार बनाई परंतु इन दोनों दलों ने राज्य की जनता को छलने का काम किया और राज्य के बेरोजगारों और महिलाओं वंचितों के साथ अन्याय किया। पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) की सरकार बनने पर राज्य के वंचित वर्ग, मेहनतकश मजदूरों, महिलाओं सभी को मान सम्मान दिया जाएगा और संवैधानिक तौर पर सभी को एक समान से न्याय दिया जाएगा और बेरोजगारों को रोजगार दिया जाएगा। पत्रकार वार्ता में महेश लाल, संजय कुमार, प्रकाश चंद्र आर्या मौजूद रहे।