पूर्व गर्भाधान एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम के तहत बैठक आयोजित

 सोलन। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. राजन उप्पल ने कहा कि सोलन जिला में वर्तमान में कोविड-19 महामारी पर नियन्त्रण के साथ-साथ लिंगानुपात में समानता लाने के लिए विभिन्न स्तरों पर योजनाबद्ध कार्य किया जा रहा है। डाॅ. उप्पल आज यहां पूर्व गर्भाधान एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम (पीएनडीटी अधिनियम) की जिला सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
डाॅ. उप्पल ने कहा कि पूर्व गर्भाधान एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम के सफल कार्यान्वयन के लिए विभाग को आमजन के सत्त सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गर्भ में पल रहे शिशु की लिंग जांच अपराध है। इस दिशा में विभाग द्वारा अल्ट्रासाऊंड क्लिीनिकों की नियमित जांच की जाती है तथा अनियमितता पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाही अमल में लाई जाती है।
डाॅ. उप्पल ने कहा कि ज़िला में कुल 33 अल्ट्रासाऊंड क्लीनीक पंजीकृत हैं और वर्ष 2020-21 में जिला में पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम के अन्तर्गत कुल 95 निरीक्षण किए गए हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन के सहयोग से कार्यान्वित किए जा रहे इन प्रयासों के सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला में ग्रामीण स्तर तक आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तथा सहायिकाओं द्वारा लोगों को लिंग जांच न करवाने तथा लड़का-लड़की में समानता के विषय में जागरूक करने के सकारात्मक परिणाम दृष्टिगोचर हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूर्व गर्भाधान एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम के तहत अल्ट्रासोनोग्राफी क्लीनिक एवं अल्ट्रासाऊंड मशीनों का पंजीकरण emerginghimachal.gov.in पर आॅनलाईन किया जा सकता है।
बैठक में पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम के बारे में में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। जानकारी दी गई कि पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम के तहत जन्म से पूर्व शिशु लिंग की जांच पर पाबंदी है तथा ऐसे में अल्ट्रासांऊड करवाने वाले व्यक्तियों या करने वाले चिकित्सक, लैब कर्मी को सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है।
बैठक में नागरिक अस्पताल कण्डाघाट के लिए अल्ट्रासाउंड मशीन क्रय करने को स्वीकृति प्रदान की गई। क्षेत्रीय अस्पताल सोलन की पुरानी अल्ट्रासाउंड मशीन को जैविक कचरे के रूप में निपटान को भी बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई। समिति के सदस्यों की उपस्थिति में ही इस मशीन का निपटारा किया गया।
बैठक में जिला न्यायवादी एम.के. शर्मा, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. मुक्ता रस्तोगी, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. एस.एल. वर्मा, रेडियोलाॅजिस्ट डाॅ. सन्दीप जैन, स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅ. मनीष मित्तल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ. धर्मेन्द्र उपस्थित थे।


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