पूर्व सीएम हरीश रावत को सीबीआई ने अस्पताल में थमाया नोटिस

देहरादून(आरएनएस)। पूर्व सीएम हरीश रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री सहित दो विधायकों को सीबीआई ने शुक्रवार को नोटिस थमाया है। चारों नेताओं को दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है। सीबीआई अधिकारियों ने पूर्व सीएम रावत को अस्पताल में ही नोटिस दिया है।
विदित हो कि पूर्व सीएम हरीश रावत की कार दो दिन पहले डिवाइडर से टकरा गई थी, जिसमें पूर्व सीएम रावत चोटिल हो गए थे। वह जौलीग्रांट अस्पताल में जांच कराने के लिए पहुंचे थे। 2016 के चर्चित स्टिंग प्रकरण में सीबीआई ने पूर्व सीएम हरीश रावत, पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के साथ ही विधायक उमेश कुमार और मदन बिष्ट को वॉयस सैम्पल देने के साथ ही पूछताछ के लिए तलब किया है। चारों नेताओं को अलग- अलग तिथियों पर सीबीआई मुख्यालय बुलाया गया है। इस चर्चित प्रकरण में बीते दिनों सीबीआई ने कोर्ट से वॉयस सैम्पल की अनुमति मांगी थी, अब इसी क्रम में जांच एजेंसी ने चारों नेताओं को नोटिस देकर सीबीआई मुख्यालय तलब किया है। पूर्व सीएम हरीश रावत इन दिनों एक्सीडेंट के बाद जॉलीग्रांट अस्पताल में भर्ती हैं, शुक्रवार को जांच एजेंसी ने अस्पताल पहुंचकर ही हरीश रावत को नोटिस सौंपते हुए, छह नवंबर को दिल्ली मुख्यालय पहुंचने के लिए कहा है।
इसी तरह शुक्रवार सुबह ही एजेंसी ने हरक सिंह रावत के घर पर पहुंच उन्हें सात नवंबर को जांच एजेंसी के सामने पेश होने को कहा है। विधायक उमेश कुमार ने बताया कि उन्हें भी एजेंसी ने आठ नवंबर को बुलाया है, उन्होंने इसे सामान्य प्रक्रिया करार देते हुए कहा कि वो पहले भी इस प्रकरण में सीबीआई के सामने अपना पक्ष रख चुके हैं।
इधर, द्वाराहाट के विधायक मदन बिष्ट ने बताया कि उनको भी एजेंसी की तरफ से फोन आया था, गांव में होने के कारण फिलहाल नोटिस नहीं मिल पाया है। लेकिन फोन पर ही एजेंसी ने नौ नवंबर को दिल्ली मुख्यालय में पेश होने को कहा है। हरक सिंह रावत ने बताया कि एजेंसी ने वॉयस सैम्पल के साथ ही सवाल के जवाब भी लिए जाने की जानकारी दी है।

अस्पताल में नोटिस देने पर हरीश ने जताई नाराजगी
हरीश रावत ने समाचार एजेंसी आरएनएस से बातचीत में कहा कि सबको पता था कि वो एक्सीडेंट के कारण अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में एजेंसी को नोटिस देने के लिए कम से कम अस्पताल आने से बचना चाहिए था। वो कोई भगोड़ा नहीं है, नहीं उनसे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है, इसलिए इस तरह नोटिस देना ठीक नहीं है।
हरीश रावत ने बताया कि उन्होंने एजेंसी को लिखकर दे दिया है कि अभी उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, इसलिए इस काम के लिए दिसंबर में कोई तिथि तय की जाए। अभी वो स्वास्थ्य कारणों से लंबे समय तक बैठकर, सवालों के जवाब देने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने बताया कि वो इस विषय पर कानूनी राय लेकर ही आगे कदम उठाएंगे।

हरक बोले केस वापसी के लिए कर चुका आवेदन
हरक सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए समाचार एजेंसी से कहा कि इस केस में अब कुछ दम नहीं बचा है। तब से दो बार प्रदेश में सरकार बदल चुकी है। इसलिए उन्हेांने नैनीताल हाईकोर्ट में केस दायर कर, सीबीआई जांच समाप्त करने की मांग की है। जिसकी सुनवाई एक नवंबर को होनी है। हरक सिंह के मुताबिक उनकी अपील पर ही नैनीताल हाईकोर्ट ने इस केस को सीबीआई को सौंपा था, इस कारण मूल वादी होने के कारण उन्होंने जांच समाप्त करने का निर्णय लिया है। शेष वो अपने वकील से सलाह के बाद ही कोई कदम उठाएंगे। विहित है कि 2016 में राजनैतिक अस्थिरता के समय यह स्टिंग ऑपरेशन हुआ था, जिसमें विधायकों को प्रलोभन दिए जाने के आरोप लगे थे।