प्रधानमंत्री मोदी ने जागेश्वर धाम में की पूजा-अर्चना, कहा- तीर्थभूमि में आकर हुआ धन्य

अल्मोड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड दौरे में राज्य के पांचवें धाम के रूप में प्रसिद्ध जागेश्वर धाम पहुंचकर पूजा अर्चना की तथा देश वासियों की सुख समृद्धि की कामना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार पूर्वाह्न 11:40 बजे शौकियाथल पहुंचे। इसके पश्चात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सड़क मार्ग से जागेश्वर धाम पहुंचे। 124 मंदिरों के समूह जागेश्वर धाम में उन्होंने सर्वप्रथम जागेश्वर गर्भगृह में करीब 7 मिनट तक पूजा कर बाबा जागेश्वर के दर्शन किए। इसके पश्चात पुष्टिमता, महामृत्युंजय तथा केदारनाथ में पूजा अर्चना की। इसके पश्चात मंदिर परिसर की परिक्रमा करते हुए अर्धनारेश्वर वृक्ष का अवलोकन किया। इसके पश्चात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तांबे से बना वाद्य यंत्र तुरही, ताम्र जागेश्वर तथा डमरू उपहार स्वरूप भेंट किया। इससे पहले फ्लीट मार्ग में प्रधानमंत्री ने पनुवानौला तिराहे के पास स्थानीय लोगों का कार से उतरकर स्थानीय लोगों का अभिवादन भी स्वीकार किया। इस दौरान लोग पीएम की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे। स्थानीय महिलाओं ने पारंपरिक परिधान में सज धज कर व सिर पर कलश रखकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। पीएम ने अपनी कार से बाहर निकल भीड़ की ओर हाथ हिलाकर लोगों का ​अभिवादन ​स्वीकार किया। जिसके बाद पीएम जागेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुए। पीएम के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे। जागेश्वर धाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधिवत तरीके से पूजा अर्चना की। इस दौरान मंदिर के पुजारी पूरे विधि-विधान और मंत्रों के बीच पूजा कराते हुए दिखे। पीएम मोदी ने भगवान शिव की आरती उतारी और आशीर्वाद लिया। दर्शन के बाद मुख्य सचिव एस.एस संधु ने पीएम को जागेश्वर के मास्टर प्लान की जानकारी दी। पीएम मोदी ने कहा कि जागेश्वर धाम में पूजा अर्चना करने का सौभाग्य मिला। मैंने हर देशवासी के अच्छे स्वास्थ्य और विकसित भारत के संकल्प को मजबूत करने के लिए आशीर्वाद मांगा। मैंने प्रार्थना की कि उत्तराखंड के सारे सपने और संकल्प पूरे हों। पीएम ने कहा कि इस मानसखंड में बागेश्वर में बैजनाथ, अल्मोड़ा में नंदा देवी, चितई गोलू देवता, कसार देवी, कटारमल, पूर्णागिरी, कैंची धाम, नैनादेवी, नानकमत्ता, रीठासाहिब जैसे अनेकों देव स्थलों की श्रृखंला का वैभव मौजूद है। राष्ट्र रक्षा और आस्था की इस तीर्थभूमि पर आकर मैं धन्य हो जाता हूँ।