देवदार व बान का पौधा रोपित कर पौधरोपण कार्यक्रम का शुभारम्भ

इस अवसर पर वन मण्डल अधिकारी संगीता महाला, तहसीलदार कपिल तोमर, नगर पंचायत सचिव अजय गर्ग, वन परिक्षेत्राधिकारी राजगढ़ श्याम दत, वन परिक्षेत्राधिकारी हाब्बन रणधीर सिंह, वन व अन्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों, कनिष्ठ अभियन्ता नगर पंचायत मोहन लाल, बाल विकास परियोजना के पर्यवेक्षक विमलेश शर्मा व कृष्णा चौहान, महिला मण्डल, युवक मण्डल, महाविद्यालय राजगढ़ के छात्रों सहित अन्य लोगों ने भी देवदार और बान के पौधे लगाए। इस दौरान एक बूटा बेटी के नाम के तहत भी पौधरोपण किया गया।
एसडीएम ने बताया कि पौधारोपण कार्यक्रम के तहत आज आरक्षित वन क्षेत्र राजगढ़ सी-2 में आधे हेक्टेयर क्षेत्र भूमि पर देवदार के 150 पौधे तथा वन परिक्षेत्र हाब्बन के शिलांजी में पाठशाला के साथ लगते एक हेक्टयर क्षेत्र में देवदार व बान के लगभग 800 पौधे रोपित किए गए। उन्होंने उपमंडलवासियों से इस अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लेने तथा लगाए गए इन पौधों की देखभाल करने का भी आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण का शाब्दिक अर्थ है। वृक्ष लगाकर उन्हें उगाना इसका प्रयोजन करना है। प्रकृति के संतुलन को बनाए रखना। मानव के जीवन को सुखी, सम्रद्ध व संतुलित बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण का अपना विशेष महत्व है। मानव सभ्यता का उदय तथा इसका आरंभिक आश्रय भी प्रकृति अर्थात वन वृक्ष ही रहे हैं। मानव को प्रारम्भ से प्रकृति द्वारा जो कुछ प्राप्त होता रहा है। उसे निरन्तर प्राप्त करते रहने के लिए वृक्षारोपण अती आवश्यक है। इसके साथ-साथ वनो का संरक्षण की जरूरी है यदि हम चाहते हैं कि हमारी यह धरती व पर्यावरण प्रदूषण रहित रहे तथा और हमारा जीवन सुखी व स्वस्थ बना रहे तो हमें पेड़-पौधों की रक्षा तथा पौधरोपण की ओर ध्यान देना चाहिए।