पिता का पर्चा निरस्त होने पर बसपा ने पुत्र को बनाया प्रत्याशी

रुड़की। मानकपुर आदमपुर से बसपा प्रत्याशी सुभाष वर्मा का पर्चा निरस्त होने के बाद बसपा को बड़ा झटका लगा है। हालांकि बसपा ने उनके पुत्र को अब अपना प्रत्याशी घोषित कर भाजपा सरकार पर बौखलाहट में पर्चा निरस्त करवाने का आरोप लगाया है। हरिद्वार के निवर्तमान पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा अपनी पुरानी सीट मानकपुर आदमपुर से बसपा प्रत्याशी के तौर पर मैदान में थे। लेकिन उन्हें रविवार को उस समय बड़ा झटका लगा, जब निर्वाचन आयोग ने झूठा अल्फनामा देने का आरोप लगाते हुए उनका पर्चा निरस्त कर दिया। पर्चा निरस्त होने के बाद बसपा ने अब अपना प्रत्याशी उनके पुत्र नवनीत चौहान को बनाया है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के उस समय करीबी कहे जाने वाले सुभाष वर्मा 2019 में जिला पंचायत की राजनीति में त्रिवेंद्र सरकार में पंचायत की राजनीति में सक्रिय हुए। मानकपुर आदमपुर सीट से जिला पंचायत सदस्य बबली चौधरी ने अपना इस्तीफा दिया और उप चुनाव में उन्हें भाजपा ने अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया। इस चुनाव में चौधरी राजेंद्र सिंह को नजदीकी मुकाबले में हराते हुए वर्मा सदस्य निर्वाचित होने के साथ अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंच गए। विधानसभा चुनाव में सरकार बदलने की संभावना को देखते हुए वर्मा कांग्रेस में शामिल हो गए, लेकिन वह वहां भी ज्यादा नहीं रुक पाए और चुनाव परिणाम आने के बाद उन्होंने नया ठिकाना बसपा को बना लिया। बसपा ने उन्हें अपना प्रत्याशी मानकपुर आदमपुर से बनाया। लेकिन अब पर्चा निरस्त होने के बाद अब वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
पर्चा निरस्त होने का कारण झूठा अल्फनामा देना बताया गया है। वहीं सुभाष वर्मा की मानें तो नामांकन पत्र में जो मांगा गया उसी के अनुसार कागजों की पूर्ति की गई। इसके साथ ही उनकी ओर से कोई झूठा अल्फनामा नहीं दिया गया। वर्मा ने आरोप लगाया कि हार के डर से भाजपा बौखलाई हुई है और सत्ता का दुरुपयोग कर उल्टे सीधे हत्थकंडे अपना रही है। कहा कि वह किसी कीमत पर डरने वाले नहीं हैं क्षेत्र की जनता उनके साथ है और इस चुनाव में बसपा का बोर्ड बनेगा और विरोधियों को करारा जबाब मिलेगा।