फूल संग्रान (फूलदेई) का त्योहार आज

चमोली। चैत्र माह की संक्राति को मनाया जाने वाला त्योहार फूल संग्रान (फूलदेई) का त्योहार सोमवार (आज) को मनाया जाएगा। इस त्योहार पर बच्चे फूलों को घरों की देहरी पर सजाते हैं। माना जाता है कि फूलों के रंगों जैसे घर में पूरे वर्ष सुख संपदा और हर्ष के रंग रहते हैं। इस दौरान बच्चे टोकरी में फूलों को लेकर पूरे गांव में घूमते हैं। और हर किसी की चौखट पर फूलों को रखकर फूलदेई का त्योहार मनाते हैं। कनखुल गांव के भगवान कंडवाल बताते हैं फूलदेई को लेकर बच्चों में उत्साह है। हालांकि वार्षिक परीक्षाओं के चलते बच्चे व्यस्त हैं। बावजूद बच्चे फूलदेई की तैयारियों में जुटे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता भुवन नौटियाल के अनुसार फूलदेई सनातन धर्म की परंपरा है। बसंत ऋतु में खिलने वाले खासतौर पर फ्योंली के फूलों का इस त्योहार में महत्व होता है। वहीं बुरांश सहित अन्य रंग बिरंगे फूलों से भी देहरी सजती है।
पारंपरिक गीत हो रहे हैं लुप्त:  गांवों से पलायन और बढ़ते शहरीकरण में फूलदेई तो मनाई जा रही है। लेकिन इससे जुड़ी कई परंपराएं लुप्त भी हो रही हैं। फूलदेई पर जहां बच्चे टोकरी को मिट्टी से लिपाई कर उस पर चूने से सजाकर आकर्षक बनाते थे। वहीं देहरी पर फूल छोड़ने पर फूल फूल माई दाल चौल…. जैसे लोक और पारंपरिक गीतों को भी गुनगुनाते थे। लोक कलाकार जितेंद्र कुमार के अनुसार इन परंपराओं को जागरूकता के माध्यम से ही बचाया जा सकता है।


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