पेयजल का राजकीयकरण न होने पर 21 जून से हड़ताल का ऐलान

देहरादून(आरएनएस)।  पेयजल एजेंसियों के राजकीयकरण की मांग पूरी न होने पर जल निगम जल संस्थान संयुक्त मोर्चा ने 21 जून से हड़ताल का ऐलान कर दिया है। मोर्चा ने दोनों पेयजल एजेंसियों के मैनेजमेंट पर लापरवाही का आरोप लगाया। वादाखिलाफी को लेकर शासन को भी निशाने पर लिया। शासन को पेयजल कर्मचारियों, पेंशनर्स को ट्रेजरी से वेतन, पेंशन भुगतान सुनिश्चित किए जाने का भी वादा याद दिलाया। मोर्चा संयोजक रमेश बिंजौला ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि शासन के आश्वासन पर ही कर्मचारियों ने चुनाव से पहले हड़ताल को स्थगित किया था। आश्वासन दिया गया था कि चुनाव आचार संहिता के बीच पेयजल के राजकीयकरण और ट्रेजरी से वेतन, पेंशन भुगतान की सभी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया जाएगा। आचार संहिता के तीन महीने गुजरने के बाद भी इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई। आदेश होना तो दूर, अभी तक शासन ने होमवर्क तक पूरा नहीं किया है। ऊपर से पेयजल एजेंसियों के मैनेजमेंट भी लगातार अड़चन डाल रहे हैं। इसके खिलाफ कर्मचारी जल्द पोल खोल अभियान शुरू करेंगे। संयोजक विजय खाली ने कहा कि पेयजल को राजकीय विभाग बना कर जल निगम और जल संस्थान का एकीकरण किया जाना है। ये काम सालों से लंबित पड़ा है। इसका पेयजल एजेंसियों के साथ खुद सरकार को बड़ा नुकसान हो रहा है। पेयजल एजेंसियां पेयजल योजनाओं की गुणवत्ता को लेकर एक दूसरे के पाले में गेंद उछालती रहती हैं। निर्माण करने वाली एजेंसी संचालन पर सवाल उठाती है, तो संचालन करने वाली एजेंसी निर्माण में ही खोट बताती है। इसके कारण करोड़ों का बजट खर्च करने के बाद भी लोगों को पानी नहीं मिल पाता। इस अव्यवस्था और कर्मचारी हितों को लेकर 11 जून को पहले जल संस्थान मुख्यालय पर प्रदर्शन होगा। इसके बाद हड़ताल का ऐलान 21 जून को किया जाएगा।

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