पशुपालन अपना कर आर्थिकी मजबूत कर रहे युवा किसान शंभू प्रसाद
पौड़ी। अपने घर गांव में ही रहकर रोजगार की राह तलाशने वाले बीरोंखाल का युवा किसान शंभू प्रसाद एक नई उम्मीद जगा रहे हैं। शंभू प्रसाद ने पशुपालन और खेती से न सिर्फ अपनी आजीविका शुरू की बल्कि दूसरों के लिए रोजगार का पर्याय भी बन गए। वह मौसमी फसलों से भी एक से दो लाख तक की कमाई भी हर साल कर लेते हैं। उनका बनाया घर का शुद्ध पहाड़ी घी खाने में जायका बढ़ाने के साथ ही कमाई भी खूब कर रहा है।
बीरोंखाल ब्लॉक के बंगर जल्ला गांव के 38 वर्षीय शंभू प्रसाद गांव छोड़ दिल्ली में जॉब करने चले गए थे लेकिन वहां मन लगने पर चार साल पहले गांव लौट आए। सकारात्मक सोच के बूते करीब चार साल पहले उन्होंने पशुपालन और किसानी को अपना मुख्य रोजगार बनाया। वह आज हर महीने 30 से 35 किलो घी बेचते हैं।
प्रगतिशील काश्तकार शम्भू प्रसाद का कहना है कि महीने में 30 से 35 किलो भैंस का शुद्ध घी तैयार कर लेते हैं। जिसे लोग हाथों हाथ खरीद लेते हैं। वह बताते हैं कि शुद्ध घी में वह तीन लाख तक वार्षिक का कमाई भी कर चुके हैं। ब्लॉक स्तर पर उन्हें बीडीओ नरेशचंद्र सुयाल और बीटीएम राजबीर सिंह ने 2 जनवरी को कृषि विभाग की आत्मा योजना के तहत साल 2020-2021 में बीरोंखाल में पशुपालन के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने पर सम्मानित भी किया गया। शंभू प्रसाद का कहना है कि सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो आने वाले समय में राठ क्षेत्र में निर्मित भैंस के शुद्ध घी को ब्रांड नाम से पूरे प्रदेश में बेचेंगे।