परमार्थ निकेतन पहुंचे सूफी गायक पद्मश्री कैलाश खैर, गंगा आरती में किया सहभाग

ऋषिकेश। सूफी गायक पद्मश्री कैलाश खैर परमार्थ निकेतन पहुंचे। यहां उन्होंने ध्यान शिविर और गंगा आरती में शिरकत की। रविवार को गायक कैलाश खैर परमार्थ निकेतन पहुंचे और उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती से आशीर्वाद लिया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि ध्यान की विधा उतनी ही पुरानी है जितनी स्वयं मानवता। ध्यान के माध्यम से व्यक्ति जागरूकता की उच्च भावनाओं को प्राप्त कर सकता है। ध्यान के द्वारा मानसिक और भावनात्मक रूप से शांत और स्थिर स्थिति तक पहुंचा जा सकता है। ध्यान की जड़ें प्राचीन है जो कि मानसिक अशुद्धियों का पूर्ण उन्मूलन कर पूर्ण मुक्ति और सुख प्रदान करती है। ध्यान के माध्यम से बुद्धत्व को प्राप्त किया जा सकता है। ध्यान, शांति की खोज सही दिशा में करने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। ध्यान हमारी खोज को भीतर की तरफ मोड़ता है। सभी की चाहत है सुख और शांति और यह ध्यान के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। गायक कैलाश खैर ने कहा कि गंगा तट पर आकर अद्भूत आनंद मिलता है। ध्यान के जरिए मन शांत होता है। इस दौरान उन्होंने गंगा आरती में सहभाग किया।