पाकिस्तान में शरीफ कैबिनेट के 34 वजीरों ने ली शपथ, 50 ट्रिलियन रुपये का कर्ज सबसे बड़ी चुनौती
इस्लामाबाद। काफी लंबे इंतजार और तरह-तरह की अटकलों के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की नयी कैबिनेट ने आखिरकार मंगलवार को शपथ ले ली।
कैबिनेट ने ऐवान-ए-सदर में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में शपथ ली। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी की बजाय सीनेट के अध्यक्ष सादिक संजारानी ने कैबिनेट के सदस्यों को शपथ दिलायी। अल्वी ने अपना संवैधानिक कर्तव्य निभाने से इनकार कर दिया था, जिसके कारण संजारानी ने मंत्रियों को शपथ दिलायी। कैबिनेट में 31 केंद्रीय मंत्री, तीन राज्य मंत्री और तीन सलाहकार हैं।
कैबिनेट डिवीजन ने केंद्रीय मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और सलाहकारों की एक सूची जारी की थी, जिनमें वे शामिल हैं, जिन्हें सोमवार रात पहले चरण में शपथ दिलायी जानी थी।
इससे पहले, गठबंधन सहयोगियों के बीच इस बात को लेकर अनिश्चितता थी कि क्या वे संघीय मंत्रिमंडल में शामिल होंगे, क्योंकि पीपीपी के सह-अध्यक्ष आसिफ जरदारी ने कहा था कि उनकी पार्टी के सांसद मंत्री पद नहीं लेंगे। जरदारी ने हालांकि बाद में कहा था कि वे चाहते हैं कि पहले उनके दोस्तों को जगह दी जाये। पीएमएल-एन के एक नेता ने कहा कि पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी अगले विदेश मंत्री होंगे हालांकि, बिलावल नवगठित कैबिनेट के सदस्यों में शामिल नहीं हैं।
50 ट्रिलियन रुपये का कर्ज
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कुछ दिन पहले कहा था कि मुल्क की सबसे बड़ी परेशानी यही है कि सरकार के पास देश चलाने के लिए पैसा नहीं है। उन्होंने कहा कि विदेशी कर्ज का बढ़ता बोझ और कर की कम वसूली अब ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का मुद्दा बनती जा रही है। इमरान खान ने कहा, ‘हमारे पास देश चलाने को पैसा नहीं है इसलिए हमें कर्ज लेना पड़ रहा है। पहली बार, पाकिस्तान का कुल कर्ज और देनदारी 50.5 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये के पार हो गई है यानी लगभग 283 बिलियन डॉलर। इमरान सरकार ने हर दिन किसी ना किसी संस्था से 1400 करोड़ रुपये उधार लिए थे।
महंगाई झेल रहे देश के नागरिक
पाकिस्तान में हालात ऐसे है कि लोगों को अपना गुज़ारा भी बहुत मुश्किल से करना पड़ रहा है। क्योंकि देश में महंगाई काफी बढ गई है, हर चीज महंगी है। जिस कारण पाक में बनी नई सरकार के लिए देश को विकास की तरफ ले जाना चुनौती से कम नहीं है।