पदोन्नति में शिथिलता का समय बढ़ाने की मांग

देहरादून(आरएनएस)।  कैबिनेट से पदोन्नति में शिथिलता के बढ़ाए गए समय को कर्मचारी संगठनों ने नाकाफी करार दिया। कर्मचारी संगठनों ने साफ किया कि जून 2024 का पूरा समय लोकसभा चुनाव आचार संहिता में निकल जाएगा। ऐसे में प्रमोशन का समय ही नहीं मिलेगा। शिथिलता के समय को बढ़ा कर जून 2025 किया जाए। उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन उतराखंड के अध्यक्ष पूर्णानंद नौटियाल ने कहा कि सरकार ने कैबिनेट में पदोन्नति में शिथिलता का समय बढ़ा कर जून 2024 किया है। इसके लिए कर्मचारी संगठन सरकार का आभार जताते हैं। कहा कि इस आदेश के बाद भी हकीकत ये है कि इस आदेश का कर्मचारियों कोई लाभ नहीं मिलने वाला है। क्योंकि पहले कैबिनेट के आदेश का विधिवत शासनादेश होने में ही समय लगेगा। इसके बाद ये आदेश विभागों तक पहुंचने में समय लगेगा। विभाग स्तर से यदि बहुत जल्दी प्रक्रिया शुरू भी होती है, तो तब तक लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाएगी। जो मई तक जारी रहेगी। कहा कि ऐसे में जून 2024 तक पदोन्नति में शिथिलता का लाभ कर्मचारियों को मिलने वाला नहीं है। उत्तराखंड पेयजल निगम डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ अध्यक्ष रामकुमार और महासचिव अजय बेलवाल ने कहा कि विभागों के स्तर पर पदोन्नति की प्रक्रिया बेहद सुस्त है। इसी सुस्त प्रक्रिया के कारण जून 2022 से पहले भी लोगों के प्रमोशन नहीं हो पाए। जबकि बड़ी संख्या में पद खाली थे। विभागों की यही लापरवाही कर्मचारियों पर भारी पड़ रही है। लोग पद खाली होने के बाद भी बिना प्रमोशन के रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में जल्द से जल्द खाली पदों पर प्रमोशन सुनिश्चित कराए जाएं। पदोन्नति में शिथिलता का लाभ सुनिश्चित कराने को इसकी समय सीमा को बढ़ाया जाए।

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