पछवादून बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष व सचिव की सदस्यता बहाल होगी

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा कि बार कांउसिल को किसी बार एसोसिएशन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। हाईकोर्ट ने आदेश में बार एसोसिएशन पछवादून के पूर्व अध्यक्ष संदीप कुमार बर्थवाल व पूर्व सचिव अमित चौहान की बार एसोसिएशन की सदस्यता बहाल करने के निर्देश भी दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ में बुधवार को पछवादून बार एसोसिएशन की विशेष याचिका पर सुनवाई की। मामले के अनुसार पछवादून बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष संदीप बर्थवाल व सचिव अमित चौहान पर अपने कार्यकाल के दौरान चैंबर निर्माण में गबन करने के आरोप लगे। इसकी शिकायत बार एसोसिएशन ने उत्तराखंड बार काउंसिल से की। बार काउंसिल के तत्कालीन अध्यक्ष ने शिकायत की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी बनाई। कमेटी ने अपनी जांच में आरोपों की पुष्टि की। इसके बाद बार एसोसिएशन ने संदीप बर्थवाल व अमित चौहान की सदस्यता समाप्त कर दी। इसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने पिछले दिनों इस मामले को पुनः बार काउंसिल को भेज दिया था। एकलपीठ के इस आदेश को पछवादून बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में चुनौती दी थी। इस विशेष याचिका की सुनवाई में खंडपीठ ने माना कि बार काउंसिल को किसी बार एसोसिएशन के आंतरिक मामलों में दखल का अधिकार नहीं है। खंडपीठ ने कहा कि जांच समिति की रिपोर्ट संदीप बर्थवाल व अमित चौहान को दी जाए और उनसे इस मामले में जबाव मांगा जाए। साथ ही इस मामले में बार एसोसिएशन की जिला जज देहरादून, अपर जिला जज विकासनगर की मौजूदगी में आम बैठक बुलाई जाए। इसमें गबन के आरोपों पर निर्णय लिया जाए।


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