नोबेल पुरस्कार विजेता एरोन एसआरएचयू के कैंसर रिसर्च में होंगे चेयर प्रोफेसर

देहरादून(आरएनएस)। इजरायली मूल के नोबेल पुरस्कार विजेता और बायोकेमेस्ट्री विशेषज्ञ डा. आरौन चिहानौवेयर स्वामी राम चेयर फ़ॉर कैंसर रिसर्च में बतौर चेयर प्रोफेसर सेवा देंगे। वे कैंसर बायोलॉजी में शोध कार्यों को गाइड करेंगे। डा.आरौन के नए शैक्षणिक सत्र से यूनिवर्सिटी में बतौर चेयर प्रोफेसर की जिम्मेदारी संभालेंगे। डॉ.  आरौन को 2004 में संयुक्त रूप से अवराम हर्शको और इरविन रौज के साथ यूपीक्यूटीन मेडियेटड प्रोटीन की खोज के लिए, बायोकेमेस्ट्री के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वे वर्तमान में इजरायल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में मेडिसिन फेकल्टी में प्रोफेसर के साथ ही इजरायल नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज एंड ह्यूमैनिटीज, द यूरोपियन मॉलिक्यूलर बायोलॉजी ऑर्गनाइजेशन समेत विभिन्न अकादमियों के सदस्य हैं। एसआरएचयू यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डा.राजेंद्र डोभाल ने बताया कि डा. आरौन इससे पहले भी इसी साल मार्च में एचआरएचयू यूनिवर्सिटी में मेडिकल छात्रों और फैकल्टी के समक्ष व्याख्यान दे चुके हैं। उनका यूनिवर्सिटी में आना न केवल पूरे राज्य के लिये सम्मान की बात है, बल्कि ये मेडिकल छात्रों के शैक्षणिक भविष्य के लिए भी बहुत फायदेमंद होने वाला है।

क्यों मिला था डॉ एरोन को नोबेल:
प्रोटीन सभी जीवित चीजों में पाया जाता है। पिछले कई दशकों से विशेषज्ञ इस बात का पता लगाने में उलझे हुए थे कि प्रोटीन का उत्पादन शरीर में कैसे होता है। डॉ. एरोन और उनके साथियों ने सबसे पहले बताया था कि कोशिकाओं में सबसे महत्वपूर्ण यूबिकिटिन प्रोटीन  का उत्पादन और क्षरण कैसे होता है।

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