दीपावली के उल्लास में निर्देशों को भूले लोग

देहरादून। दीपावली पर उत्तराखंड में प्रशासन के दिशा-निर्देश हवा-हवाई साबित हुए। देर रात तक राजधानी देहरादून, हरिद्वार समेत कई शहरों में पटाखे फोड़े गए। लोगों ने जमकर आतिशबाजी की, जिससे वायु प्रदूषण में भी इजाफा हुआ है। हरिद्वार जिले में वायु प्रदूषण गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। यहां रविवार सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स 301 रहा, जो उत्तराखंड में किसी भी जिले में सबसे ज्यादा है। वहीं, देहरादून में एयर क्वालिटी इंडेक्स 185 दर्ज किया गया। आपको बता दें कि कई जिलों में पटाखे जलाने का समय रात तक बजे तक ही था, लेकिन देर रात तक पटाखों का शोर सुनाई देता रहा। उत्तराखंड में दीपावली के साथ ही गुरु पर्व और छठ के मौके पर पटाखों का कम इस्तेमाल करने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने निर्देश जारी किए थे। इसी क्रम में चार जिलों के छह शहरों देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी, रुद्रपुर और काशीपुर में सिर्फ ग्रीन क्रेकर्स की बिक्री होनी थी और पटाखे केवल रात को दो घंटे ही जलाए जाने थे। वहीं, दून में तो आतिशबाजी को लेकर डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने पुलिस अधिकारियों के साथ गोष्ठी कर आदेशों का पालन सख्ती करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि त्योहारों के दिन सभी थानाध्यक्ष रात दस बजे के बाद अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमण करेंगे। लाउडस्पीकर के माध्यम से जनता से आतिशबाजी रोकने की अपील भी की जाएगी, लेकिन ऐसा नजर नहीं आई। रात दस बजे के बाद भी पटाखों का शोर गूंजता रहा और ये निर्देश सिर्फ बातों में रह गए। राजधानी दून में तो शाम साढ़े पांच बजे के आसपास से ही पटाखों का शोर गूंजने लगा। दीपावली के उल्लास में लोग सभी निर्देशों को भूल गए। ऐसे में वायु प्रदूषण के स्तर में भी इजाफा हुआ।

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