
हल्द्वानी(आरएनएस)। उपनल कर्मचारियों में नियमितीकरण और वेतनमान एवं महंगाई भत्ता (डीए) सहित अन्य मांगों पर कार्रवाई न होने से आक्रोश है। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार की घोषणा और न्यायालय के आदेश के बाद भी शासन उनके पक्ष में शासनादेश जारी करने में देरी कर रहा है। शुक्रवार को उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ की ऑनलाइन बैठक हुई। प्रदेश अध्यक्ष रमेश शर्मा ने कहा कि सरकार का निर्णय को लगातार लंबित रखना दुर्भाग्यपूर्ण है। वर्षों से सेवा दे रहे उपनल कर्मचारी आज भी अस्थिर भविष्य और आर्थिक असुरक्षा का सामना कर रहे हैं, जिसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदेश महामंत्री प्रमोद गुसाईं ने कहा कि नियमितीकरण एवं पे स्केल-डीए का मामला कोई नया नहीं है। वर्ष 2018 का आदेश है। इस संबंध में कई स्तरों पर कमेटियां गठित हो चुकी हैं, फिर भी ठोस निर्णय न लेना सरकार की नीयत पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। प्रदेश उपाध्यक्ष पूरन भट्ट ने कहा कि उपनल कर्मचारी वर्षों से विभागों की रीढ़ बनकर कार्य कर रहे हैं, लेकिन उन्हें उनका वैधानिक हक नहीं दिया जा रहा है। बैठक में मनोज जोशी, गणेश गोस्वामी, मनोज गड़कोटी, अनिल कोठियाल, योगेश भाटिया, संदीप, तेजा सिंह बिष्ट, कमल गडिया, त्रिभुवन बसेड़ा, विनोद बिष्ट, अचल वर्मा मौजूद रहे।

