एनआईए के छापे के बाद केंद्रीय जांच एजेंसियों के रडार पर कई संगठन
चेन्नई (आरएनएस)। तमिलनाडु में चेन्नई और माइलेदुतुरई तथा केंद्र शासित प्रदेश पुड्डचेरी के कराईकल में नौ ठिकानों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के छापे के बाद कई संगठन और व्यक्ति केंद्रीय जांच एजेंसियों की रडार पर आ गये हैं।
एक केंद्रीय एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी ने को बताया कि गुरुवार को एनआईए के छापे के बाद कई लोगों तथा संगठनों पर एजेंसी नजर बनाये हुए है।
सूत्रों के अनुसार छापे के दौरान 16 डिजिटल उपकरण, छह धारदार हथियार और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए। इन्हीं जब्त दस्तावेजों के आधार पर केंद्रीय जाचं एजेंसियों ने अपनी जांच शुरू कर दी है।
एनआईए ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि माईलेदुतुरई निवासी सातिक बाचा उर्फ इसामा सादिक ने चार अन्य लोगों के साथ मिलकर पुलिस और आम लोगों को भयभीत करने तथा धमकी देने की योजना बनाई थी। इन्होंने 21 फरवरी 2022 को एक छापे के दौरान एक पुलिसकर्मी की हत्या की कोशिश भी की थी।
एनआईए ने जिस आरोपी के ठिकानों पर छापा मारा , वह खलीफा पार्टी ऑफ इंडिया, खलीफा फ्रंट ऑफ इंडिया और इंटेलेक्चुअल स्टूडेंट्स ऑफ इंडिया के नाम से कई संगठन चला रहा था। छापे में इन संगठनों से संबधित दस्तावेज जब्त किये गये हैं।
सूत्रों ने को बताया कि कोयम्बटूर धमाके के बाद और अल उमाह जैसे संगठनों पर छापे के बाद ये लोग लो प्रोफाइल रहकर काम करते थे और राज्य भर में अपने आपराधिक मंसूबों को अंजाम देते थे।
इन्होंने राज्य के कई हिंदू नेताओं को अपना निशाना बनाया। इन्होंने 19 जुलाई 2013 को भाजपा के प्रदेश महासचिव वी रमेश की हत्या कर दी थी। कई अन्य हिंदू संगठनों के भी नेताओं की हत्या की गई और इन हत्याओं की जिम्मेदारी कागजी संगठनों ने ली।
सिमी के प्रतिबंधित संगठित घोषित होने के बाद से इसके कई कार्यकर्ता तथा नेताओं ने अपने संगठन बना लिये, जिनका ढांचा भले ही व्यवस्थित नहीं है लेकिन इरादा एक ही रहा। इनका उद्द्ेश्य लोगों को हमला करने के लिए प्रोत्साहित करना, उन्हें प्रशिक्षित करना तथा अकेले हमला करना या छोटे समूहों का इस्तेमाल करके हमला करना सीखाना है।
जांच एजेंसियों के लिए तमिलनाडु में पीएफआई और इसकी राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया की उपस्थिति चिंता की बात है। पीएफआई को वैचारिक समर्थन सिमी जैसे प्रतिबंधित संगठन से मिलता है। सिमी का पुराना कैडर और इसके नेताओं ने ही पीएएफआई की नींव रखी है।