एनएच-74 घोटाले के मामले में हाईकोर्ट ने निर्णय रखा सुरक्षित

नैनीताल। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को चर्चित एनएच-74 घोटाले के 10 आरोपियों के मामले में सुनवाई की। न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ ने सभी मामलों की सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया है। मामले के अनुसार डीपी सिंह, अर्पण कुमार, संजय कुमार चौहान, विकास कुमार, भोले लाल, भगत सिंह फोनिया, मदन मोहन पलड़िया, बरिंदर सिंह, बलवंत सिंह, रमेश कुमार व ओम प्रकाश ने अलग-अलग याचिकाएं दायर कर निचली अदालत के 28 अप्रैल 2022 के आदेश को चुनौती दी है। जिसमें ईडी से कहा गया था कि इनके खिलाफ अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए जाएं। इसके बाद ईडी ने आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए। याचिकाओं में कहा गया कि यह आदेश गलत है। पहले के मुकदमों को वापस नहीं लिया जा सकता। घोटाले में आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग शिकायतें दर्ज हैं, किसी के खिलाफ एक तो किसी के खिलाफ दो या तीन।
डीपी सिंह के खिलाफ सात शिकायतें दर्ज हैं। अगर वे एक केस में उपस्थित नहीं होने का प्रार्थना पत्र देते हैं तो उन्हें अन्य छह केसों में भी प्रार्थना पत्र देना पड़ेगा। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ कुछ भी आदेश हो सकता है। इसलिए इस आदेश को निरस्त किया जाए। एनएच-74 घोटाले में एसआईटी ने 2011 करोड़ रुपये घोटाले की पुष्टि 2017 में की थी। इसमें कई अधिकारी, कर्मचारी व किसान शामिल थे। जिन्होंने किसानों की कृषि योग्य भूमि को अकृषि दिखाकर मुआवजा राशि में बड़ा घोटाला किया था। मामले में दो आईएएस अधिकारी भी निलंबित हुए। अभी एनएच-74 घोटाले के आरोपी जमानत पर रिहा हैं।