राज्य आने जाने वालों के लिए सरकार ने फिर जारी की नई गाइडलाइन

उत्तराखंड राज्य आने को लेकर बॉर्डर पर कोरोना टेस्ट कराए जाने को लेकर तरह-तरह के कन्फ्यूजन के बीच अब राज्य सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है अब उत्तराखंड की सीमा या उत्तराखंड आने वाले सभी लोगों को इस गाइडलाइंस के अनुसार कार्य करना होगा। कोविड-19 के दौरान आवाजाही के लिए उत्तराखंड आने वाले लोगों का स्मार्ट सिटी पोर्टल में रजिस्ट्रेशन मैंडेटरी है इसके अलावा सभी बॉर्डर चेक पोस्ट में जिला प्रशासन थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था करेंगे साथ ही रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन में भी यह व्यवस्था होगी और सिनेमैटिक व्यक्ति को एंटीजन टेस्ट से गुजरना होगा और यदि एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए तो निर्धारित एस ओ पी का पालन करना होगा। इसके अलावा गाइडलाइन में व्यापार, परीक्षा, उद्योग और निजी कार्यों के लिए आने वाले लोग जो कि 1 सप्ताह के भीतर वापस जाने वाले हैं वह अपना कार्य कर सकते हैं लेकिन उन्हें अपने स्वास्थ्य का लगातार ध्यान रखना होगा अगर किसी तरह के सिम्टम्स दिखाई देते हैं तो तत्काल लोकल स्वास्थ्य विभाग को बताना होगा।

इसके अलावा प्रदेश में लंबे समय तक आने वाले लोगों के लिए होम क्वारंटाइन और संस्थागत क्वॉरेंटाइन के नियमों का पालन करना होगा, इसके अलावा उत्तराखंड आने वाले ऑफिशियल केंद्र सरकार के मंत्री, राज्य सरकार के मंत्री, चीफ जस्टिस, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज, जिला जज, एडवोकेट जनरल और तमाम सरकारी अधिकारी कर्मचारी जो सरकारी काम के लिए आ रहे हैं उन्हें क्वारंटाइन नहीं होना पड़ेगा, इसके अलावा उत्तराखंड के वह अधिकारी जो 5 दिन से ज्यादा अन्य राज्यों में गए हैं या वहां रहे हैं उन्हें कोविड-19 टेस्ट कराना अनिवार्य होगा. हालांकि उन्हें क्वॉरेंटाइन से छूट मिलेगी, वही पर्यटकों के लिए भी गाइडलाइन जारी की गई है जिसमें अब होटल में कम से कम 2 दिन का रिजर्वेशन कराना होगा इसके अलावा 96 घंटे पहले अपनी कोरोनावायरस नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट जो दिखाएगा उसे राज्य घूमने की पूरी छूट रहेगी, लेकिन ऐसा नहीं होगा तो बॉर्डर चेक पोस्ट पर एंटीजन टेस्ट करवाया जाएगा, अगर होटल पहुंचे तो होटल की तरफ से भी प्राइवेट लैब में टेस्ट कराने की फैसिलिटी उपलब्ध रहेगी, यानी उत्तराखंड आने वाले हर पर्यटक को हर हाल में कोविड-19 का टेस्ट कराना होगा. सरकार द्वारा जारी किए गए एडवाइजरी मे 65 साल से ज्यादा, प्रेगनेंट वूमेन और 10 साल के कम बच्चों को घर के अंदर ही रखा जाएगा।


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