नेपाल सरकार के लिए खतरा बन रही पार्टी के मतभेदों को दूर करने के लिए गठित किया गया कार्यबल

काठमांडू। प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की अगुवाई वाले नेपाल के सत्तारूढ़ दल सीपीएन-यूएमएल ने अल्पमत वाली सरकार के लिए खतरा बन रहे पार्टी के अंदरूनी मतभेदों को दूर करने के लिए दोनों विरोधी धडों से 10 सदस्यीय संयुक्त कार्यबल गठित किया है। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी -(एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी) के प्रमुख ओली ने रविवार को माधव कुमार नेपाल के साथ अकेले में बातचीत की थी और अंदरूनी मतभेदों को दूर करने के लिए दोनों धडों के पांच पांच सदस्यों का एक कार्यबल बनाने का फैसला किया था। माधव कुमार नेपाल प्रतिद्वंद्वी धड़े के अगुवा है। इस कार्यबल को पार्टी को 16 मई, 2018 के स्वरूप में लाने के लिए सुलह कायम करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
नेपाल के धड़े की अगुवाई भीम बहादुर रावल करेंगे जबकि ओली धड़े का नेतृत्व संसदीय दल के उप नेता सुभाष चंद्र नेम्बांग करेंगे। सीपीएन-यूएमएल में नेपाल धड़े के सांसदों ने सामूहिक रूप से प्रतिनिधि सभा से इस्तीफा देने की धमकी दी थी। लेकिन तब उन्होंने अपना विचार बदल लिया जब ओली ने विश्वास मत से पहले पाटी के विरूद्ध काम करने को लेकर नेपाल समेत चार बागी नेताओं के विरूद्ध कार्रवाई वापस ले ली। दोनों धड़ों के नेताओं के बीच बृहस्पतिवार को बैठक हुई थी। दस मई को ओली ने विश्वास मत हासिल करने का प्रयास किया था लेकिन नेपाल धड़े के 28 सदस्य अनुपस्थित रहे और फलस्वरूप 69 वर्षीय प्रधानमंत्री प्रतिनिधि सभा में विश्वासमत हार गये। ओली को बृहस्पतिवार को फिर प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया क्योंकि नेपाली कांग्रेस और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) अगली सरकार के गठन के लिए बहुमत नहीं जुटा पायीं। नियमों के अनुसार, ओली को नियुक्ति के 30 दिनों के अंदर विश्वासमत जीतना हेागा।


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