नए सिरे से बनेगी लालढांग चिल्लरखाल सड़क, पुराने निर्माण में खामियां
देहरादून। हरिद्वार और कोटद्वार को जोड़ने वाली लालढांग चिल्लरखाल का निर्माण अब नए सिरे से होगा। इसके पुराने निर्माण को अधूरा और खामियों से भरा पाया गया है। कोटद्वार विधायक और विस अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने इस सड़क की समीक्षा के बाद वन विभाग और पीडब्ल्यूडी को नए सिरे से प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
नए प्रस्ताव में लैंड ट्रांसफर से लेकर सभी जरूरी अनुमतियां पूरी लेने के भी निर्देश दिए गए हैं। साथ ही ये भी निर्देश दिए गए हैं कि सड़क निर्माण पीडब्ल्यूडी करेगा,जिसके लिए सड़क की पूरी जमीन वन विभाग को ट्रांसफर किया जाएगा। ना कि पिछली बार की तरह वन विभाग इसमें निर्माण कार्य करवाएगा। इस सड़क में अभी वन्यजीव कारिडोर में बनाई गई एलिवेटेड रोड की ऊंचाई पांच फीट है। जिसमें से किसी भी कीमत पर हाथी का निकलना मुश्किल है। इसकी ऊंचाई छह से आठ फीट होनी चाहिए थी। जो कि मानकों के अनुसार भी है। क्योंकि एक हाथी की औसत ऊंचाई छह से आठ फीट तक होती है। इसके अलावा भी सड़क में पुलों की संख्या, लंबाई और अन्य तरह की कई खामियां इस सड़क में पायी गईं। जिनके चलते इस सड़क का निर्माण पिछले दो साल से पूरा नहीं हो पाया और सुप्रीम कोर्ट से लेकर एनटीसीए और एनजीटी तक ने कई बार निर्माण पर रोक लगाई। अभी फिर मामला एनजीटी में है और उसके निर्णय के बाद आगे काम हो सकेगा।
कोटद्वार विधायक और विस अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी, का कहना है कि वन और पीडब्ल्यूडी को दोबारा से इस सड़क का प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए हैं। सड़क में एलिवेटेड सड़क पांच फीट ऊंची बनाई गई है। जो कि कम से कम छह से आठ फिट होनी चाहिए थी। इसे लेकर एनजीटी में मामला है,जिसका फैसला पाजिटिव आने की उम्मीद कम है। ऐसे में वन और पीडब्लयू का प्रस्ताव तैयार रहेगा दोबारा निर्माण में औपचारिकताएं पूरी करने में समय बचेगा। एनजीटी के फैसले का इंतजार है।