नई टिहरी(आरएनएस)। नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा स्थानीय मंदिरों में धूमधाम से की गई। शारदीय नवरात्र की शुरुआत सिद्धपीठ चंद्रवदनी सहित अन्य शक्ति पीठों पर कलश स्थापना व हरियाली के लिए जौ डालकर हुई। प्रथम दिन माता के शैलपुत्री स्वरूप का पूजन हुआ। बड़ी संख्या श्रद्धालु माता के पूजन दर्शन को पहुंचे। घरों में भी सुख समृद्धि के लिए माँ का पूजन कर कलश स्थापना की गयी। दुर्गा सप्तसती पाठ की भी अनेक स्थानों पर शुरुआत हुई।
सिद्धपीठ चंद्रवदनी में मुख्य पुजारी पं शिव प्रसाद भट्ट, पं भूपति भट्ट व पुरोहित आचार्य आशीष सेमल्टी द्वारा विश्व शांति व समृद्धि के लिए देवी मंत्रों के साथ शुभ मुहूर्त पर कलश स्थापना की गयी व परम्परानुसार श्रद्धालुओ द्वारा घरों से लाई गई जौ को हरियाली के लिए डाला गया। पुजारगांव वासी लोक वादक अनिल दास, रमेश दास, उत्तम दास, भग्गू दास ने दुर्गा स्तुति व जागर से नौरता मंडयान की शुरुआत की। श्री चन्द्रबदनी मंदिर प्रबंधक आनंद भट्ट, कोषाध्यक्ष हरीश भट्ट सहित बड़ी संख्या में यहां श्रद्धालु मौजूद रहे।
वहीं देवप्रयाग नगर स्थित भुवनेश्वरी देवी, माता मंगला, चाका क्षेत्र में करणादेवी ,भरपूर में चमराड़ा देवी आदि मंदिरों में भी घट स्थापना के साथ नवरात्रि पूजन का शुभारंभ हुआ। अलकनंदा भागीरथी के संगम पर तड़के से ही विभिन्न क्षेत्रों से ढोल-नगाड़ों के साथ देव डोलियां व निशान लेकर श्रद्धालु पहुंचे थे। कई श्रद्धालुओं पर यहां देवी भी अवतरित हुई।
दूसरी और जिला मुख्याल नई टिहरी के दुर्गा मंदिर में भी सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मां दुर्गा की पूजा करते हुए लोगों ने माता को विभिन्न प्रकार के वस्त्र व श्रृंगार सामग्री भेंट की और माता से विश्व कल्याण की कामना को स्तुति की।

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