
नई टिहरी(आरएनएस)। टीएचडीसी-आईएचईटी (टीएचडीसी इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रो पावर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी)भागीरथीपुरम में एआर-वीआर तकनीक पर 5 दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। जिसमें संस्थान के छात्र-छात्राओं सहित जल ऊर्जा मित्र प्रशिक्षणार्थियों को जल विद्युत इंजीनियरिंग और इससे संबंधित क्षेत्र में एआर-वीआर तकनीक का उपयोग सहित बताया जाएगा कि कैसे इस तकनीक से पॉवर प्लांट्स का वर्चुअल भ्रमण किया जाता है। टीएचडीसी हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज टिहरी में एआर (संवर्धित वास्तविकता)-वीआर (आभासी वास्तविकता) कंटेंट डेवलपमेंट वर्कशॉप का शुभारंभ किया गया। जिसका उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा और हाइड्रो पावर क्षेत्र में डिजिटल तकनीकों का उपयोग सिखाना है। संस्थान के निदेशक प्रो.एसके प्रधान ने कार्यशाला का शुभारंभ किया।
हाइड्रोपावर इंजीनियरिंग और उससे संबंधित क्षेत्रों के लिए एआर-वीआर कंटेंट की जानकारी दी। कार्यशाला में यूनिटी प्लेटफॉर्म का उपयोग करके इमर्सिव एप्लिकेशन बनाने, 3डी मॉडल डेवलपमेंट,सी प्लस प्लस स्क्रिप्टिंग परिचय,एनीमेशन डिजाइन और हाइड्रो पावर प्लांट के संचालन से जुड़े प्रोजेक्ट तैयार करने की प्रक्रिया सिखाई जाएगी। सहायक प्रोफेसर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन विभाग अनूपषी जौहरी ने कार्यशाला की रूपरेखा और इस से मिलने वाले संभावित लाभों को बताया। विद्युत विभागाध्यक्ष नितिन कुमार गुप्ता ने इसे संस्थान के तकनीकी विकास की दिशा में एक अहम कदम बताया। सहायक प्रोफेसर मनदीप गुलेरिया ने नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और आईआईटी रूड़की के निर्देशन में संस्थान में संचालित जल ऊर्जा मित्र परियोजना से रूबरू कराया। विभागाध्यक्ष सिविल इंजीनियरिंग ज्योति प्रकाश सेमवाल ने छात्रों को बताया कि एआर व वीआर तकनीकी कैसे छात्रों को सीमित संसाधनों या भौतिक बाधाओं के बावजूद पावर प्लांट्स का वर्चुवल भ्रमण करने की सुविधा प्रदान करती है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष हिमांशु नौटियाल,डॉ.ऋचा बिजल्वाण,टेक्यूरियस प्राइवेट लि.के विशेषज्ञ श्री उत्कर्ष,साहिल जीत ने भी अनुभव साझा किए।