Skip to content

RNS INDIA NEWS

आपकी विश्वसनीय समाचार सेवा

Primary Menu
  • मुखपृष्ठ
  • अंतरराष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • राज्य
    • उत्तराखंड
      • अल्मोड़ा
      • उत्तरकाशी
      • ऊधम सिंह नगर
      • बागेश्वर
      • चम्पावत
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • चमोली
      • देहरादून
      • पौड़ी
      • टिहरी
      • रुद्रप्रयाग
      • हरिद्वार
    • अरुणाचल
    • आंध्र प्रदेश
    • उत्तर प्रदेश
    • गुजरात
    • छत्तीसगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सोलन
    • दिल्ली
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • मणिपुर
    • राजस्थान
    • त्रिपुरा
  • अर्थ जगत
    • बाजार
  • खेल
  • विविध
    • संस्कृति
    • न्यायालय
    • रहन-सहन
    • मनोरंजन
      • बॉलीवुड
  • Contact Us
  • About Us
  • PRIVACY POLICY
Watch
  • Home
  • राज्य
  • उत्तराखंड
  • प्रधानमंत्री ने किया नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत उत्तराखंड में 8 सीवरेज शोधन संयत्र(एसटीपी) का लोकार्पण
  • उत्तराखंड

प्रधानमंत्री ने किया नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत उत्तराखंड में 8 सीवरेज शोधन संयत्र(एसटीपी) का लोकार्पण

RNS INDIA NEWS 29/09/2020
01- (19)

देहरादून। निर्मल और स्वच्छ गंगा की दिशा में एक और कदम बढ़ाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत उत्तराखंड में आठ सीवरेज शोधन संयत्र(एसटीपी) का लोकार्पण किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि चारधाम की पवित्रता को अपने आप समेटे देवभूमि उत्तराखंड को मेरा आदरपूर्वक नमन। आज मोक्षदायनी गंगा को निर्मल करने वाले छह बड़े प्रोजेक्ट का लोकापर्ण किया गया है। हर घर तक शुद्ध जल पहुंचाने का बहुत बड़ा अभियान है। पानी की एक एक बूंद को बचाना आवश्यक है। तो चलिए आपको बताते हैं कि उत्तराखंड में कहां-कहां ये संयत्र स्थापित किए गए हैं। गोमुख से गंगा सागर तक गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने की योजना परवान चढ़ती नजर आ रही है। स्वच्छ गंगा की दिशा में नमामि गंगे के तहत उत्तराखंड में एक और कदम बढ़ाया गया है। पीएम मोदी ने बदरीनाथ से लेकर हरिद्वार तक आठ सीवरेज शोधन संयत्र का लोकार्पण किया है, जिनमें हरिद्वार जिले में चार, मुनिकीरेती में तीन, एक बदरीनाथ में शामिल हैं।
गंगा स्वच्छता को हरिद्वार जिले में स्थापित हैं ये चार एसटीपी
68 एमएलडी एसटीपी जगजीतपुर
⦁ एसटीपी को 2017 में मिली स्वीकृति।
⦁ हाईब्रिड एन्यूटि मॉडल के आधार पर स्वीकृत हुआ।
⦁ एसटीपी का निर्माण 19 फरवरी 2018 को शुरू और 25 जून 2020 को पूरा।
⦁ सिक्वेन्सिएल बैच रिएक्टर तकनीक पर आधारित।
⦁ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 6.8 करोड़ लीटर प्रतिदिन।
⦁ एसटीजी निर्माण पर आने वाली लागत 23032.18 लाख।
⦁ हरिद्वर नगर की करीब 80 फीसद आबादी कवर।
⦁ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के अनुसार हो रहा सीवेर शोधन।
27 एमएलडी एसटीपी जगजीतपुर का अपग्रेडेशन
⦁ नमामि गंगे कार्यक्रम अंतर्गत वर्ष 2017 में 1964.92 लाख की लागत से स्वीकृत हुआ।
⦁ निर्माण कार्य एक दिसंबर 2017 से शुरू हुआ, 31 जुलाई 2019 में कार्य पूरा।
⦁ योजना अंतर्गत इनलेट और आउटलेट पर ऑनलाइन मॉनीटरिंग सिस्टम, चार फिल्ट्रेशन यूनिट, फिल्टर फीड संप और इससे संबंधित विद्युत यांत्रिक कार्य, एक हाईजेस्टर डोम परिवर्तन, 12 स्लज ड्राइंग बेड रिनोवेशन आदि कार्य कराए गए।
18 एमएलडी एसटीपी, सराय अपग्रेडेशन कार्य
⦁ नमामि गंगे कार्यक्रम अंतर्गत वर्ष 2017 में 1299.31 लाख की लागत से स्वीकृत हुआ।
⦁ निर्माण कार्य एक दिसंबर 2012 को शुरू हुआ और 31 जुलाई 2019 को पूरा हुआ।
⦁ योजना अंतर्गत इनलेट और आउटलेट पर ऑनलाइन मॉनीटरिंग सिस्टम तीन फिल्ट्रेशन यूनिट, फिल्टर फीड संप और इससे संबंधित विद्युत यांत्रिक कार्य आदि कराए गए
नमामि गंगे के तहत चंडीघाट परियोजना पर डालें नजर
⦁ 52.6 लाख की लागत से 25 केएलडी (किलो लीटर डेली) का एसटीपी।
⦁ चंडीघाट और क्षेत्र के जल शोधन को समर्पित।
⦁ 23 दिसंबर 2017 को केंद्रीय मंत्री संजीव वालियान ने रखी आधारशीला।
⦁ वर्ष 2020 में बनकर तैयार-परियोजना की कुल लागत 50 करोड़ 36 लाख।
⦁ परियोजनाओं के संचालन और अनुरक्षण को पांच वर्ष के लिये 419.66 लाख।
⦁ इसमें 67 मीटर लंबे घाट का निर्माण, 16 स्नान घाट।
⦁ 16 आधुनिक शवदाह गृहों का निर्माण कुल 846.17 लाख रुपये की लागत।
⦁ जलापूर्ति के लिए प्रणाली-आगंतुकों के लिए 78.24 लाख रुपये की लागत से सूचना केंद्र का निर्माण
ऋषिकेश में 238 करोड़ की लागत से तैयार तीन एसटीपी: डेढ़ लाख से ज्यादा की आबादी वाली तीर्थनगरी ऋषिकेश में 238 करोड़ की लागत से बने 38.5 एमएलडी क्षमता के तीन सीवर ट्रीटमेंट बनाए गए हैं। इनमें चंद्रेश्वर नगर में 41 करोड़ की लागत से बने 7.5 एमएलडी क्षमता के चारमंजिला एसटीपी, लक्कड़ घाट में 158 करोड़ की लागत से बने 26 एमएलडी क्षमता के एसटीपी और मुनीकीरेती के चोरपानी में 29 करोड़ की लागत से बने पांच एमएलडी क्षमता के एसटीपी शामिल है। आपको बता दें कि ऋषिकेश में चंद्रेश्वर तीन सबसे बड़े नाले ढालवाला ड्रेन, चंद्रेश्वर नगर नाला और श्मशान घाट नाला गंगा नदी को सबसे ज्यादा प्रदूषित करते हैं। इन तीनों के लिए ऋषिकेश में अलग से चंद्रेश्वर नगर में एसटीपी स्थापित गया है। सिर्फ इन्हीं नालों को टेप कर इससे जोड़ा जाएगा।
बदरीनाथ में 19 करोड़ की लागत से स्थापित हुआ संयंत्र: इसी प्रोजेक्ट के तहत बदरीनाथ में 19 करोड़ की लागत से 1.01(दस लाख दस हजार लीटर प्रतिदिन) एमएलडी क्षमता का एसटीपी बनाया गया है। दस हजार की आबादी वाले बदरीनाथ में सीवर ट्रीटमेंट कार्ययोजना शुरु साल 2017 नवंबर के महीने में शुरू हुई जो, जो इस साल खत्म हुई। आपको बता दें कि बदरीनाथ धाम में नर पर्वत पर छह नालों का ट्रीटमेंट कर उन्हें इससे जोड़ा गया है, पहले ये नाले अलकनंदा नदी में गिरते थे।

शेयर करें..

Post navigation

Previous: सरना के विरेंद्र ने जीती माय इलेवन सर्किल से 1 करोड़ की धनराशि
Next: देश के प्रसिद्ध भू-वैज्ञानिक पद्मश्री प्रो. खड्ग सिंह वल्दिया के निधन

Related Post

Dhami pic new
  • उत्तराखंड
  • देहरादून

प्रदेश में निर्माण और नव निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए : सीएम

RNS INDIA NEWS 30/09/2025
default featured image
  • उत्तराखंड
  • देहरादून

उत्तराखंड बोर्ड के 9वीं और 11वीं के छात्रों के 31 तक होंगे पंजीकरण

RNS INDIA NEWS 30/09/2025
default featured image
  • उत्तराखंड
  • देहरादून

प्रधानाचार्य भर्ती परीक्षा एनओसी पर रोक से भड़का शिक्षक संघ, शिक्षक संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी

RNS INDIA NEWS 29/09/2025

यहाँ खोजें

Quick Links

  • About Us
  • Contact Us
  • PRIVACY POLICY

ताजा खबर

  • गरबा नाइट और फ्रेशर पार्टी में जमकर थिरके छात्र-छात्राएं
  • गंगोत्री के बाद यमुनोत्री धाम के कपाट कब होंगे बंद, आ गई तारीख
  • एसटीएफ और पुलभट्टा पुलिस ने सात किलो अफीम पकड़ी
  • हंगामे के बीच संपन्न हुई बीडीसी की पहली बैठक
  • नगला अवैध अतिक्रमण मामले में कमिश्नर दीपक रावत ने किया स्थलीय निरीक्षण
  • 10 अक्टूबर तक प्रस्तुत करें प्रस्तावित कार्यों के एस्टीमेट : डीएम

Copyright © rnsindianews.com | MoreNews by AF themes.