नैनीताल के पर्वतारोहियों का दल बलजुरी पीक फतह कर लौटा

हल्द्वानी। नैनीताल माउंटेनिंग क्लब (एनटीएमसी) तथा कुमाऊं मंडल विकास निगम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया पर्वतारोहण का दल चोटी फतह कर लौट आया है। इस बीच दल ने दस दिन में पिंडारी ग्लेशियर में पांच हजार 952 मीटर ऊंची पीक बलजुरी फतह की। नैनीताल पहुंचने पर दल के सदस्यों ने पत्रकार वार्ता कर अनुभव साझा किए। अंतरराष्ट्रीय छायाकार पद्मश्री अनूप साह के नेतृत्व में बीती 27 सितंबर को 6 सदस्यों का दल नैनीताल से रवाना हुआ। इस दौरान ट्रैकिंग टीम पिंडारी तथा बलजुरी चोटी तक पहुंची। दल का नेतृत्व कर रहे एवरेस्ट चोटी फतह करने वाले अनित साह ने बताया कि ट्रैकिंग बेहद चुनौतीपूर्ण रही। उन्होंने कहा कि पीक तक पहुंचने से पूर्व लगभग 5 फीट तक बर्फबारी का सामना करना पड़ा। यात्रा के दौरान मौसम बेहद खराब रहा। जिसके चलते उन्हें सफलता हासिल करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अनित के अनुसार बलजुरी पीक फतह करने के लिए ट्रेक पर अमूमन दो से तीन कैंप लगाने पड़ते हैं। लेकिन उनके साथ खास बात यह थी, कि उन्होंने एकमात्र कैंप 4 हजार 770 मीटर की ऊंचाई पर यानी फुरकिया में लगाया। जिसके बाद ऊंचाई वाले क्षेत्र में मौसम खराब होने के कारण कैंप नहीं लगाया जा सका। ऐसे में टीम ने लगातार हो रही बर्फबारी के बीच बगैर कैंप लगाए रात काटी। उन्होंने बताया कि दल में गंगोत्री बिष्ट, दीपक जोशी, मनमोहन मेहरा, मुरली प्रकाश, संजय मेहरा एवं अनित साह शामिल रहे। जबकि उन्हें सहयोग करने वाली टीम में राजेश साह, योगेश साह, उमेश जोशी आदि शामिल रहे। पद्मश्री अनूप साह ने कहा कि एनटीएमसी की ओर से 16 अक्टूबर 1972 को बलज्यूरी का पहला ट्रेक शुरू किया गया। जिसके बाद लगातार संस्थान की ओर से यहां ट्रैकिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि युवाओं को एडवेंचर के क्षेत्र में आगे आना चाहिए। हालांकि पर्वतारोहण चुनौतीपूर्ण जरूर है, लेकिन इससे स्वास्थ्य के साथ ही नई चीजों से रूबरू होने का भी मौका मिलता है। उन्होंने बताया कि आगामी 22 अक्टूबर को नैनीताल में क्लब के गोल्डन जुबली कार्यक्रम के तहत एक आयोजन प्रस्तावित है। जिसमें पर्वतारोहियों की ओर से शहर समेत आसपास के स्कूली बच्चों को पर्वतारोहण से संबंधित अहम जानकारियां साझा की जाएंगी। इस दौरान क्लब के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने उत्तरकाशी में आए एवलांच में मृतकों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण कर प्रार्थना की।


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