नहाय खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत

देहरादून(आरएनएस)। मंगलवार को नहाय खाय के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत हो गई। इसमें प्रात: काल नहा-धोकर सूर्य को जल अर्पित करने के बाद लाखों छठ व्रती महिलाओं ने छठी माता की आराधना के बाद मिट्टी के चूल्हे और आम की लकड़ी में बनी कद्दू की सब्जी, अरहर की दाल और कच्चे चावल के भात का प्रसाद लेकर इस महापर्व की औपचारिक शुरुआत की। पूर्वा सांस्कृतिक मंच के संस्थापक महासचिव सुभाष झा का कहना है कि नहाय खाय से इस महापर्व की शुरुआत हो गई है। इसके बाद छह तारीख को खरना होगा। इसके बाद सात को सांध्य अर्घ्य और आठ को उषा अर्घ्य के साथ इसका समापन होगा। उन्होंने बताया कि छठ अब न केवल आस्था का उत्तराखंड के लिए बल्कि जीडीपी राजस्व और बाजार के लिहाज से भी सबसे अधिक कारोबार वाला यह पर्व है। जिसमें कपड़े वाले, मिठाई वाले, टेंट हाउस वाले, बिजली वाले, मिट्टी का दिया ,मुमबत्ती, रूई, फल, मिठाई, सब्जी, आढती, ज्वेलरी यानी सभी तबके के छोटे से बड़े व्यापारीयों के लिए भी यह पर्व व्यवसाय का बड़ा अवसर प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि सुबह से ही मंच के कार्यकर्ता अपने अपने घाटों की के जलस्रोतों के अंदर के कंकड़ पत्थर को निकालने में जुटे रहे। ताकि अराधना में अर्घ्य के समय पानी में खड़े होने पर पत्थर किसी के पांव न चुभें।  वहीं हरवंशवाला में हरवंशकपूर छठ घाट की सफाई को अंतिम चरण के बाद पूरी हो गई। करीब डेढ किलोमीटर लंबे इस छठ घाट की सफाई को अंतिम रूप देने में हरिश्चन्द्र झा, केके, नंदकिशोर प्रसाद, रामविलास और इंदल यादव ने अहम भूमिका निभाई।

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