नगर पंचायत में शामिल किए गए गांवों के ग्रामीणों ने किया धरना-प्रदर्शन

अल्मोड़ा। नवगठित नगर पंचायत का कामकाज शुरू होते ही विरोध के स्वर मुखर हो चले हैं। नगर पंचायत में शामिल किए गए गांवों के बाशिंदों का गुस्सा शनिवार को सडक़ पर फूट आया। उन्होंने बाजार में जुलूस निकाला एवं नगर पंचायत कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन कर नारेबाजी की। कहा कि वे किसी भी सूरत में नगर पंचायत नहीं चाहते हैं। राज्यपाल व मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उन्होंने तहसीलदार सतीश बर्थवाल को सौंपा। सुबह गनाई, धुधलिया, फुलई, धुधलिया महर व चांदीखेत समेत आसपास के गांवों के बाशिंदे चांदीखेत पंचायत भवन के पास एकत्र हुए। फिर यहां से नगर पंचायत के विरोध में जुलूस प्रारंभ हुआ। हाथों में बैनर पोस्टर लिए-नहीं चाहिए-नहीं चाहिए, हमें नगर पंचायत नहीं चाहिए. के नारे लगाते हुए बाजार सडक़ से होते हुए वे पंचायत कार्यालय तक पहुंचे। वहां उन्होंने विभिन्न नारों के जरिये नगर पंचायत के खिलाफ आवाज बुलंद की। धरना-प्रदर्शन के बाद तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में नगर पंचायत के गठन को आम जनभावनाओं के खिलाफ बताया गया है। कहा है कि ग्रामीणों की आजीविका कृषि से चलती है। इसलिए जनभावनाओं को देखते हुए नगर पंचायत को निरस्त कर ग्राम पंचायतों का स्वरूप यथावत बनाए जाने की मांग की गई है। जुलूस व धरना-प्रदर्शन के दौरान नगर पंचायत के खिलाफ महिलाओं में भारी आक्रोश देखा गया। दयाल मेहरा, गोकुलानंद, विपिन गिरि, खुशाल सिंह, जगत सिंह, दरवान बिष्ट, महेश सिंह, चंदन सिंह, पूरन गिरि, योगेश पांडे, कुंदन सिंह, हरीश चंद्र, हरीश कैड़ा, रघुवर कैड़ा, पूरन राम, पूरन मेहरा, विक्रम, भगवती, नंदी, बसंती, चंद्रा, गीता, जानकी, नीमा, तारा देवी, विमला, ललिता, पुष्पा, कुंती देवी, कमला, पदमा देवी, गोपुली, शांति, कमला व चंपा देवी समेत भारी संख्या में ग्रामीणों ने भागीदारी की।


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