नागालैंड के राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राजभवन में हुआ कार्यक्रम
दूसरे राज्यों के स्थापना दिवस मनाने से सामाजिक एकीकरण और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिल रहा है: राज्यपाल
देहरादून(आरएनएस)। शुक्रवार को राजभवन में नागालैंड प्रदेश के राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में उत्तराखण्ड में निवास कर रहे नागालैंड राज्य के लोगों ने विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुतियां दी। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए उपस्थित लोगों को स्थापना दिवस की बधाई दी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि दूसरे राज्यों के स्थापना दिवस मनाने से सामाजिक एकीकरण और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिल रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि नागालैंड से उनका पुराना नाता रहा है, एक सैन्य अधिकारी के रूप में वे नागालैंड में भी सेवा दे चुके हैं। उन्हें वहां का वातावरण और नागालैंड के लोगों के अपनत्व से बेहद लगाव रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि ‘सेवेन सिस्टर्स’ भारत में पर्यटन के सबसे बड़े आकर्षणों में से एक हैं और नागालैंड इसका एक प्रमुख हिस्सा है। यह राज्य पक्षियों और जानवरों की कुछ लुप्तप्राय प्रजातियों का निवास स्थान है, नागालैंड तो ‘Falcon Capital Of World'(दुनिया की बाज़ राजधानी) के रूप में जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि नागालैंड दिवस की बात बिना हार्नबिल फेस्टिवल के अधूरी रहेगी, Festival of Festivals के नाम से विख्यात यह महोत्सव इसे हार्नबिल चिड़िया के नाम पर मिला है। इस चिड़िया को नागा जनजाति में पवित्र माना जाता है व नागाओं की पौराणिक कथाओं में इसका जिक्र भी मिलता है।
राज्यपाल ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के तहत आयोजित नागालैंड राज्य स्थापना दिवस उत्तराखण्ड राजभवन में नागालैंड वासियों के साथ मनाने का अवसर मिला।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की ही तरह, आपके राज्य का भी अधिकतर हिस्सा पहाड़ी है, और बड़े गर्व की बात है कि वनस्पतियों और जीवों की समृद्धता को देखते हुए इसे ‘पूरब का स्विट्जरलैंड’ भी कहा जाता है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने नागालैंड की रानी लक्ष्मीबाई के रूप से विख्यात, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रानी गाइदिन्ल्यू जी को भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस कार्यक्रम में प्रथम महिला गुरमीत कौर, सचिवराज्यपाल रविनाथ रामन, वित्त नियंत्रक डॉ तृप्ति श्रीवास्तव, राजभवन के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।