नाबालिग को घर से बुलाकर शादी और बलात्कार के अभियुक्त की जमानत अर्जी खारिज

अल्मोड़ा। लैंगिक अपराध के एक मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान की अदालत में अभियुक्त मलकीत सिंह पुत्र राजेन्द्र सिंह निवासी ग्राम उद्येती, पट्टी गरवी, थाना उद्येती जनपद बदायूं उत्तर प्रदेश धारा 363, 363, 366ए ताहि 3/4 पॉक्सो एक्ट के तहत अभियुक्त के अधिवक्ता द्वारा अभियुक्त की जमानत हेतु जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत की गयी। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा, विशेष लोक अभियोजक भूपेन्द्र कुमार जोशी एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी शेखर चन्द्र नैल्वाल ने न्यायालय को बताया कि वादी मुकदमा जीवन चन्द्र पुत्र रमेश राम निवासी ग्राम रोधी पौ० थाना दन्या जिला अल्मोडा द्वारा थाना दन्या में 30 जुलाई 2021 को एक तहरीर इस आशय से दी गयी कि मेरी बहन 27 जुलाई 2021 को अपने चचेरे भाई-बहन के साथ घर से जागेश्वर गयी थी जो देर शाम तक घर वापस नहीं आये तथा जिसके संबंध में मौखिक सूचना दी कि मेरी बहिन को छोड़कर बाकी चारों बच्चे पिथौरागढ़ में मिले। उनके द्वारा बताया गया कि पीड़िता दन्या तक हमारे साथ गई तथा वहाँ से अल्मोड़ा की गाड़ी में बैठकर चली गई। पुलिस द्वारा पीड़िता के मोबाइल नम्बर की सीडीआर प्राप्त की गई तो वह नम्बर अभियुक्त मलकीत सिंह पुत्र राजेन्द्र सिंह निवासी उद्येती बदायूं उत्तर प्रदेश के नाम था तथा 31 जुलाई को विवेचक द्वारा वादी मुकदमा को साथ लेकर गुमशुदा पीड़िता की ग्राम उद्येती व अन्य सम्मावित स्थानों पर तलाश की गई। खोजबीन और सीडीआर के अवलोकन से 2 अगस्त को गुमशुदा पीड़िता हल्द्वानी बस स्टेशन के पास मिली जिसे उसके भाई द्वारा पहचाना गया तथा पीड़िता और अभियुक्त को थाना दन्या लाया गया। पीड़िता से पूछताछ करने पर उसके द्वारा बताया गया कि अभियुक्त ने मुझे फोन कर हल्द्वानी बुलवाया और हल्द्वानी से अपने साथ बदायूं अपने मामा के घर में ले गया तथा वहाँ से उसकी मौसी के घर दिल्ली जाना तथा मंदिर में शादी करना बताया और अभियुक्त द्वारा मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाया जाना स्वीकार किया गया है। अभियोजन द्वारा न्यायालय को यह भी बताया कि अभियुक्त द्वारा नाबालिग पीड़िता के साथ शारीरिक सम्बन्ध स्थापित कर बलात्कार जैसा जघन्य अपराध कारित किया गया है। यदि अभियुक्त को जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह अभियोजन के गवाहों के साथ छेड़छाड़ कर प्रभावित कर सकता है। न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों को सुनकर अभियुक्त की जमानत प्रार्थना पत्र को 25 अगस्त को खारिज किया गया।


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